नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। कैटेगरी-5 के तूफान मेलिसा ने मंगलवार को जमैका में दस्तक दी। जमैका में आए मेलिसा को इस सदी का सबसे भयानक और शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया है कि अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है।
सैफिर-सिम्पसन पैमाने पर श्रेणी 5 का यह तूफान मंगलवार को जमैका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर पहुंचा। स्थानीय मीडिया के अनुसार, उत्तरी कैरेबियन में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने मंगलवार को कहा कि इस साल दुनिया में आया सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवात, तूफान मेलिसा, जमैका पर इस सदी का सबसे भीषण तूफानी प्रभाव डाल सकता है।
डब्ल्यूएमओ ने लगभग 300 किमी/घंटा की तेज रफ्तार वाली जानलेवा हवाओं, विनाशकारी तूफानी लहरों और बारिश की चेतावनी दी है। डब्ल्यूएमओ एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि जमैका और कैरेबियन में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं।
डब्ल्यूएमओ की उष्णकटिबंधीय चक्रवात विशेषज्ञ ऐनी-क्लेयर फॉन्टन ने संयुक्त राष्ट्र की एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 1988 में आए तूफान गिल्बर्ट के बाद से जमैका में इतना शक्तिशाली तूफान नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मेलिसा क्यूबा, बहामास, हैती और डोमिनिकन गणराज्य को भी प्रभावित करेगा। इसकी वजह से भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी।
फॉन्टन ने आगे कहा कि यह तूफान जमैका में बरसात के महीने में होने वाली सामान्य वर्षा से तीन गुना ज्यादा, संभवतः 700 मिलीमीटर तक लाएगा। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के अंग्रेजी और डच भाषी कैरिबियन प्रतिनिधिमंडल के क्षेत्रीय प्रमुख नेसेफोर मघेंडी ने कहा कि लगभग 15 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं और जमैका की पूरी आबादी किसी न किसी तरह से प्रभावित होगी।
बता दें, तटीय समुदाय पहले से ही पिछले तूफानों से तनाव में थे। ऐसे में मघेंडी ने चेतावनी दी कि इस बार की बारिश कई दिनों या हफ्तों तक आवश्यक सेवाओं को बाधित कर सकती है।
उन्होंने कहा, "मानवीय खतरा गंभीर और तात्कालिक है; महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और विकलांग लोग, खासकर तटीय समुदायों में, विशेष रूप से असुरक्षित हैं।"
जमैका रेड क्रॉस तूफान मेलिसा की तैयारी में जुट गया था, और पूर्व चेतावनी, निकासी और पहले से मौजूद वस्तुओं के वितरण में मदद कर रहा था। मघेंडी ने कहा कि अधिकारियों ने 800 से ज्यादा आश्रय स्थल तैयार किए थे। अनुमान है कि ज्यादातर लोग पहले ही वहां से चले गए थे।
--आईएएनएस
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