नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। 18 नवंबर से शुरू हुई और 25 नवंबर को उज्बेकिस्तान में समाप्त होने वाली एशिया कप पैरा-आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के श्रीमंत झा ने कांस्य पदक जीता।
छत्तीसगढ़ के रहने वाले श्रीमंत झा ने पीआईयूएच 90 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता और इस पदक को भारत के शहीद सैनिकों को समर्पित किया।
उन्होंने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के अब्रोर रुस्तमोव को हराया था।
किर्गिस्तान के चोलपोनबाई झारकुलोव ने इस वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
अपने कांस्य पदक के साथ पैरा-आर्म रेसलिंग में जिनका यह 44 वां अंतर्राष्ट्रीय पदक था, एशिया के नंबर 1 और विश्व नंबर 3 भारतीय ने पैरा आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया, जो 6 से 10 दिसंबर तक क्रोएशिया में आयोजित की जाएगी।
दोनों हाथों में चार अंगुलियों के साथ पैदा हुए 29 वर्षीय खिलाड़ी ने इससे पहले सितंबर में कजाकिस्तान में आयोजित पैरा-आर्मरेसलिंग विश्व चैंपियनशिप और इस साल संयुक्त अरब अमीरात में एशिया चैंपियनशिप में क्रमशः कांस्य और रजत पदक जीता था।
29 वर्षीय पैरा-आर्म पहलवान ने कहा, "मेरे माता-पिता को हमेशा मुझ पर भरोसा था। भिलाई-छत्तीसगढ़ में मेरे दोस्तों ने भी मेरा समर्थन किया। केवल एक चीज जो मुझे पसंद नहीं आई, वह थी लोगों के चेहरे का भाव जब उन्हें एहसास हुआ कि मेरी उंगली के बिना हाथ कमजोर हैं। ये पदक साबित करते हैं कि मैं विशेष हूं। ये पदक सिर्फ मेरे नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं।''
स्कूल के दिनों से ही यह उनके लिए जिंदगी आसान नहीं रही। वह फुटबॉल खेलने के शौकीन थे और एक के बाद एक स्तर पार करते गए। लेकिन, उसके दाहिने हाथ के काम न करने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। आठवीं कक्षा के एक छात्र के लिए यह बेहद निराशाजनक था, जिससे वह निराशा से पीड़ित हो गया।
उन्होंने कहा, "मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझे प्रेरित किया। मैंने पास के जिम में दाखिला लिया जहां मैंने पैरा आर्म रेसलिंग के बारे में सीखा। मैं तब से अभ्यास कर रहा हूं, हर दिन बेहतर होता जा रहा हूं।"
--आईएएनएस
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