नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। पिछले छह महीनों में नए मॉडल लॉन्च होने से भारत में ईवी पेनेट्रेशन में सुधार देखा गया है। इसके अलावा, नए मॉडल लॉन्च और सरकारी प्रोत्साहन निकट भविष्य में हाइब्रिड पेनेट्रेशन वृद्धि को बढ़ावा देंगे। यह जानकारी एचएसबीसी की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई है।
एचएसबीसी रिसर्च ने अपने नोट में कहा कि आम धारणाओं के विपरीत, हाइब्रिड वर्तमान में ईवी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके पूरक हैं।
उदाहरण के लिए, हाइब्रिड प्रोत्साहन वाले राज्यों में प्रोत्साहन की घोषणा के बाद भी ईवी में अधिक वृद्धि दर्ज की गई।
इसमें कहा गया है, "हमें लगता है कि भारत मध्यम से लंबी अवधि में एक मल्टी-पावरट्रेन इंडस्ट्री बना रहेगा।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा मानना है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (एसएचईवी) और बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (बीईवी) एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, बल्कि अलग-अलग तरह के ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। जिन राज्यों में एसएचईवी के लिए प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, वहां बीईवी की बिक्री में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है।"
वित्त वर्ष 2025 में ईवी की बिक्री में वृद्धि एसएचईवी की बिक्री में वृद्धि के समान थी, जबकि भारत में सबसे अधिक पीवी बेचने वाले राज्य उत्तर प्रदेश द्वारा एसएचईवी पर प्रोत्साहन दिए जा रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रवृत्ति बताती है कि एसएचईवी अपनाने का बीईवी की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, एमजी विंडसर और एमएंडएम बीईवी के लॉन्च के कारण 4-व्हीलर ईवी पेनेट्रेशन वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 1.9 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 2.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में तिमाही आधार पर 3.2 प्रतिशत हो गई है।
कुल पीवी में एसएचईवी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 2.4 प्रतिशत हो गई है, जो वित्त वर्ष 2024 में 2.1 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे विचार में, यह धारणा कि एसएचईवी को बढ़ावा देने से ईवी अपनाने में बाधा आएगी, गलत है। यह कोई जीरो-सम गेम नहीं है, बल्कि एक वृद्धिशील अवसर है, जहां एसएचईवी को प्रोत्साहित करने से क्लीन मोबिलिटी इकोसिस्टम के विकास में योगदान मिलता है, जिससे बीईवी को लाभ होता है और समग्र बाजार विकास को बढ़ावा मिलता है।
--आईएएनएस
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