भारत में म्यूचुअल फंड्स की पहुंच अगले 10 वर्षों में दोगुनी होगी, एयूएम 300 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान

भारत में म्यूचुअल फंड्स की पहुंच अगले 10 वर्षों में दोगुनी होगी, एयूएम 300 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली, 9 दिल्ली (आईएएनएस)। भारत में म्यूचुअल फंड्स की पहुंच अगले 10 वर्षों में 10 प्रतिशत से दोगुनी होकर 20 प्रतिशत के पार पहुंचने का अनुमान है। साथ ही इस दौरान म्यूचुअल फंड्स की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 300 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने की उम्मीद है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

ग्रो के साथ साझेदारी में बेन एंड कंपनी की ओर से जारी रिपोर्ट 'भारत कैसे निवेश करता है 2025" में कहा गया कि इंडस्ट्री में विकास का अगला चरण छोटे शहरों और नए युवा निवेशकों की ओर से संचालित किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का एयूएम 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपए के पार जाने का अनुमान है और इस दौरान डायरेक्ट इक्विटी होल्डिंग्स भी 250 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश का म्यूचुअल फंड इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और कई परिवार मार्केट लिंक्ड निवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, रेगुलेशन और निवेशकों के बढ़ते विश्वास का फायदा मिलेगा, जो कि वेल्थ क्रिएशन के लिए बाजार पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नई वृद्धि का अधिकांश हिस्सा शीर्ष 30 शहरों से बाहर रहने वाले बड़े और संपन्न परिवारों से आएगा।

शीर्ष 30 शहरों के बाद के 70 शहरों के कई संपन्न निवेशकों द्वारा भी म्यूचुअल फंडों को अधिक सक्रियता से अपनाने की उम्मीद है।

यह बढ़ती भागीदारी दीर्घकालिक निवेश के उदय में परिलक्षित होती है। इंडस्ट्री की एसेट्स में पांच वर्ष से अधिक की अवधि वाली होल्डिंग्स का हिस्सा हाल के वर्षों में दोगुने से भी अधिक हो गया है।

भारत में बेन की वित्तीय सेवाओं के भागीदार और प्रमुख सौरभ त्रेहन ने कहा कि भारतीय परिवार बचत-आधारित मानसिकता से धीरे-धीरे निवेश-आधारित दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि युवा और पहली बार निवेश करने वाले निवेशक - खासकर बड़े महानगरों से बाहर रहने वाले - देश के घरेलू निवेशक आधार को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

एसआईपी प्रवाह और दीर्घकालिक होल्डिंग्स में तेजी से वृद्धि हुई है, और आने वाले वर्षों में भारत के आर्थिक विकास के फाइनेंसिंग में इन रुझानों की महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है।

--आईएएनएस

एबीएस/