नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। निर्माणाधीन डेटा सेंटर क्षमता (डेटा सेंटर अंडर-कंस्ट्रक्शन कैपेसिटी) में मुंबई विश्व स्तर पर छठे स्थान पर है, जो लंदन और डबलिन जैसे ग्लोबल हब से आगे निकल गया है। यह डेटा सेंटर हब के रूप में मुंबई की तेजी से बढ़ती स्थिति को दर्शाता है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में मुंबई क्षमता विस्तार में एक बड़े योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि एपीएसी क्षेत्र में मुंबई सातवें सबसे स्थापित डेटा सेंटर बाजार के रूप में पहचान रखता है।
2024 के अंत में मुंबई में 335 मेगावाट की निर्माणाधीन डेटा सेंटर क्षमता थी, जो बार पूरी हो जाने पर इसकी परिचालन क्षमता में 62 प्रतिशत का विस्तार करेगी।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (मुंबई और न्यू बिजनेस, भारत) गौतम सराफ ने कहा, "भारत के डेटा सेंटर परिदृश्य में रणनीतिक बदलाव हो रहा है। मुंबई ने खुद को शीर्ष वैश्विक बाजारों में मजबूती से स्थापित किया है, जबकि पुणे एपीएसी क्षेत्र में एक प्रमुख डेटा सेंटर हब के रूप में उभर रहा है। भारत के डेटा सेंटर क्षेत्र ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ऑपरेटरों और निवेशकों को आकर्षित किया है, जबकि डोमेस्टिक प्लेयर्स क्षमता का विस्तार करना जारी रखा है।"
उन्होंने कहा, "अगले कुछ वर्षों में भारत निर्माणाधीन और नियोजित परियोजनाओं में 2.7 गीगावाट से अधिक क्षमता जोड़ेगा, जिससे भविष्य के लिए तैयार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पावरहाउस के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होगी।"
रिपोर्ट में बताया गया कि मुंबई में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड द्वारा डेटा सेंटर की वृद्धि को और बढ़ावा मिला है।
इस साल मुंबई में तीन महत्वपूर्ण अंडर-सी डेटा केबल परियोजनाओं के पूरा होने की संभावना है। इनसे भारत की इंटरनेट क्षमता और गति में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के साथ अंतर-क्षेत्रीय डिजिटल संपर्क में वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में एक प्रमुख कनेक्टिविटी हब के रूप में मुंबई की स्थिति और भी बेहतर होगी।
एपीएसी के शीर्ष उभरते डेटा सेंटर बाजारों में चौथे स्थान पर पुणे तेजी से हाइपरस्केलर्स और एंटरप्राइज-ग्रेड कोलोकेशन सुविधाओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है।
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