केरल के कैथोलिक बिशप को पुरोहिती कर्तव्यों से किया 'बहिष्कृत', मीडिया से बातचीत पर रोक

केरल के कैथोलिक बिशप को पुरोहिती कर्तव्यों से किया 'बहिष्कृत', मीडिया से बातचीत पर रोक

कोच्चि, 24 नवंबर (आईएएनएस)। सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के थामरस्सेरी के कैथोलिक बिशप द्वारा जारी एक अजीब आदेश में, उनके सूबा के तहत एक पुजारी से सभी अधिकार और स्वतंत्रता छीन ली गई है।

इसमें सार्वजनिक रूप से उनके बोलने और पुरोहिती कर्तव्यों का पालन करने का अधिकार भी शामिल है।

बिशप रेमिगियोस इन्चानानियिल ने रेव्ह फादर अजी पुथियापराम्बिल को नोटिस भेजा है।

एक पत्र में, बिशप का कहना है कि पुजारी सार्वजनिक मंच पर अपने किसी भी पुजारी कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकता है, उन्‍हें केवल डायोसेसन प्रीस्ट्स होम में निजी चैपल में दिव्य यूचरिस्ट का जश्न मनाने की अनुमति है, जहां वह रहता है और उसे बाहर नहीं जाना चाहिए और यदि वह ऐसा करता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी।

उन्हें मीडिया से बात करने और मास मीडिया में कोई भी लेखन करने से भी रोक दिया गया है।

हालांकि, पुथियापराम्बिल इस प्रतिबंध से चिंतित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि यीशु मसीह के एक शिष्य के रूप में, जिन्होंने कई परीक्षणों और कष्टों का सामना किया, उन पर जो कुछ भी पड़ा है, उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है और वह मसीह में पूर्ण विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे।

पिछले दो दशकों तक एक पुजारी के रूप में सेवा करने के बाद, पुथियापराम्बिल उस समय मुसीबत में पड़ गए, जब उन्होंने उच्च अधिकारियों के कुछ गलत कामों के बारे में सवाल उठाए।

उन्‍हें जल्द ही र्च द्वारा निलंबित कर दिया गया, लेकिन आम लोगों के समर्थन के बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।

इसके बाद थामरसेरी-रेमिगियोस इन्चानानियिल के बिशप ने पुजारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक ट्रिब्यूनल गठित करने का फैसला किया और पुजारी पर यह प्रतिबंध तब तक रहेगा, जब तक चर्च द्वारा चल रहे मुकदमे की अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती।

इस बीच, पुजारी के करीबी आम लोगों का एक वर्ग अब अदालत में कानूनी सहारा लेने पर विचार कर रहा है और इसके लिए वे कदम उठा रहे हैं।

--आईएएनएस

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