नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में वर्ष 2020 से 2025 के बीच यानी पिछले 5 साल में वेल्थ क्रिएशन ने 30 वर्षों का सबसे बड़ा रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस दौरान देश की टॉप 100 कंपनियों का मार्केट कैप 148 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। यह उछाल कोविड-19 महामारी के बाद तेजी से सुधार के कारण आया है। यह जानकारी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) की एक रिपोर्ट में दी गई।
एमओएफएसएल की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा पैसे बनाने वाले सेक्टर में वित्तीय क्षेत्र (जैसे बैंक और बीमा कंपनियां) हैं। इसके बाद उद्योग, टेक्नोलॉजी और यूटिलिटी (सार्वजनिक सेवाएं) सेक्टर हैं। सरकारी कंपनियां (पीएसयू) भी रक्षा और ऊर्जा जैसे सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (एचएएल) ने सबसे ज्यादा वेल्थ क्रिएट की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा, "भारत अब सबसे तेज वेल्थ क्रिएशन के दौर में है। जैसे हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर से 16 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ेगी, इस दौरान निवेश के नए बड़े मौके बनेंगे।"
उन्होंने कहा, "दीर्घकालिक संपत्ति वही बनाएंगे जो अच्छी कंपनियों में निवेश करेंगे। यह बहुत जरूरी है कि आप सही कंपनियों का चुनाव करें।"
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की जीडीपी पिछले 17 सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर से 4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ी है और आने वाले 17 वर्षों में यहां से चार गुना बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस एमटीडी (मल्टी-ट्रिलियन डॉलर) युग में वित्तीय क्षेत्र और उपभोक्ता सामान (जैसे गाड़ी, स्मार्टफोन, और रोजमर्रा की चीजें) बनाने वाली कंपनियां बहुत तेजी से आगे बढ़ेंगी।
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में कहा गया कि इस युग में कई कंपाउंडिंग स्टॉक्स (ग्रोथ स्टॉक्स) देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही लार्ज कैप यानी बड़ी कंपनियां आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।
-- आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस