नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत का औद्योगिक उत्पादन इस साल सितंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4 प्रतिशत बढ़ा है। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन है। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दी गई।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर अगस्त में भी 4 प्रतिशत थी। इससे पहले यह जुलाई में 3.5 प्रतिशत और जून में 1.5 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में 3.8 प्रतिशत थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी अहम माना जाता है और यह देश में यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज से निकलने वाले ग्रेजुएट युवाओं को गुणवत्तापूर्वक रोजगार उपलब्ध कराता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 23 में से 13 इंडस्ट्री ग्रुप ने सितंबर में सकारात्मक वृद्धि दर हासिल की है। वृद्धि में शीर्ष तीन योगदानकर्ताओं में मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेट्स, मैन्युफैक्चर ऑफ इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट और मैन्युफैक्चर ऑफ मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स शामिल हैं, जिनकी वृद्धि दर क्रमश: 12.3 प्रतिशत, 28.7 प्रतिशत और 14.6 प्रतिशत रही है।
इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में 3.1 प्रतिशत रही है। हालांकि, माइनिंग सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रहा और इस दौरान वृद्धि दर -0.4 प्रतिशत रही।
बीते महीने कैपिटल गुड्स का उत्पादन, जिसमें फैक्ट्रियों में उपयोग की जाने वाली मशीनों को भी शामिल किया जाता है, 4.7 प्रतिशत बढ़ा है। इस सेगमेंट में वृद्धि दिखाती है कि अर्थव्यवस्था में निवेश तेजी से बढ़ रहा है और इसका नौकरियों और आय पर गुणक असर होता है।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे रेफ्रिजरेटर, एसी और टीवी के उत्पादन में इस महीने 10.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो दिखाता है कि इन उत्पादों की बाजार मांग मजबूत बनी हुई है।
इसके अलावा, सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किए जाने के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत रही है।
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