वित्त वर्ष 2025 में भारत की घरेलू बचत बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान : रिपोर्ट

वित्त वर्ष 2025 में भारत की घरेलू बचत बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान : रिपोर्ट

मुंबई, 30 मई (आईएएनएस)। एसबीआई की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा रुझानों के आधार पर वित्त वर्ष 2025 में भारत के घरेलू क्षेत्र की नेट फाइनेंशियल सेविंग 22 लाख करोड़ रुपए तक और ग्रॉस नेशनल डिस्पॉजेबल इनकम (जीएनडीआई) के 6.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।

आरबीआई की लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि घरेलू क्षेत्र ने मजबूत वित्तीय स्थिरता दिखाई है। वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध बचत जीएनडीआई के 5.1 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ता हुआ कैपिटल पूल सरकारी और कॉर्पोरेट घाटे को फंड करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता का सपोर्ट करने के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है।

इसके अलावा, घरेलू देनदारियों में जीएनडीआई के 6.1 प्रतिशत तक की वृद्धि के मुकाबले, परिवारों की ग्रॉस फाइनेंशियल सेविंग पिछले वर्ष के 10.7 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में जीएनडीआई के 11.2 प्रतिशत हो गई।

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में आरबीआई की बैलेंस शीट में 8.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि 9.9 प्रतिशत की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से कम है।

पारंपरिक आय में संकुचन के बावजूद, घरेलू ब्याज और एलएएफ आय, विदेशी मुद्रा के रणनीतिक प्रबंधन और रुपए की अस्थिरता को कम करने के प्रयासों जैसे प्रवाहों ने अधिशेष उत्पादन को भौतिक रूप से बढ़ाया।

आकस्मिकता निधि में 44,861.7 करोड़ रुपए के प्रोविजन ने बैलेंस शीट के 7.5 प्रतिशत पर प्राप्त इक्विटी को स्वस्थ रखा, जिससे सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपए का अधिशेष हस्तांतरण संभव हुआ और राजकोषीय स्थान में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, कुल सोने की होल्डिंग 879.58 मीट्रिक टन थी, जो वित्त वर्ष 2025 के दौरान 57.48 मीट्रिक टन सोने की वृद्धि को दर्शाती है।

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण एनएफए में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2024 के अंत तक 8.3 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 12.0 प्रतिशत हो गई।

वित्त वर्ष 2025 में प्रचलन में मुद्रा का लगातार विस्तार हुआ, प्रचलन में बैंक नोटों का मूल्य 6 प्रतिशत और मात्रा 5.6 प्रतिशत बढ़ा।

500 रुपए के नोटों ने मूल्य और मात्रा दोनों में अपना दबदबा बनाए रखा। 2,000 रुपए के नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया अच्छी रही, जिससे प्रचलन में मौजूद 98.2 प्रतिशत नोट वापस आ गए।

10 रुपए के नोटों की कीमत में कमी के साथ-साथ 10 रुपए के टिकाऊ सिक्कों का जारी होना लागत प्रभावी मुद्रा बदलाव को दर्शाता है।

कुल मिलाकर नकली नोटों की पहचान 2.4 प्रतिशत घटकर 2.17 लाख रह गई, लेकिन 200 और 500 रुपए के नोटों की पहचान में वृद्धि हुई।

डिजिटल डोमेन में, आरबीआई के रिटेल डिजिटल करेंसी पायलट ने वित्त वर्ष 2025 में प्रचलन में मौजूद डिजिटल मुद्रा के मूल्य में 334 प्रतिशत की शानदार वृद्धि देखी। इसमें 17 बैंक और 60 मिलियन उपयोगकर्ता शामिल थे।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम