देश का चालू खाता घाटा जुलाई-सितंबर अवधि में घटकर 12.3 अरब डॉलर हुआ

देश का चालू खाता घाटा जुलाई-सितंबर अवधि में घटकर 12.3 अरब डॉलर हुआ

मुंबई, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। देश का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में घटकर 12.3 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 20.8 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था। यह जानकारी आरबीआई की ओर से सोमवार को दी गई।

वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के दौरान वस्तु व्यापार घाटा 87.4 अरब डॉलर रहा है, जो कि वित्त वर्ष 25 की समान तिमाही के आंकड़े 88.5 अरब डॉलर से कम है।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान शुद्ध सेवा प्राप्तियां 50.9 अरब डॉलर रही हैं, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 44.5 अरब डॉलर थीं।

आरबीआई ने कहा कि कम्प्यूटर सर्विसेज और अन्य बिजनेस सर्विसेज के निर्यात में वृद्धि होने से सेवाओं का निर्यात सालाना आधार पर बढ़ा है।

द्वितीयक आय खाते के अंतर्गत व्यक्तिगत हस्तांतरण प्राप्तियां, जो मुख्यतः विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले रेमिटेंस को दर्शाती हैं, तिमाही के दौरान बढ़कर 38.2 अरब डॉलर हो गई हैं, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि में 34.4 अरब डॉलर थीं।

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सालाना आधार पर बढ़कर 2.9 अरब डॉलर हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 25 की सितंबर में यह आंकड़ा -2.8 अरब डॉलर था।

वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से 5.7 अरब डॉलर की निकासी की गई है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में एफपीआई ने 9.9 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश किया था।

दूसरी तिमाही में अनिवासी जमा (एनआरआई जमा) में 2.5 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पहले समान अवधि में यह 6.2 अरब डॉलर था।

केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि 2025-26 की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 10.9 अरब डॉलर की कमी आई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 18.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।

--आईएएनएस

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