नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। दूरसंचार विभाग की ओर से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए नए नियम जारी करने के बाद 'व्हाट्सएप वेब' जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को हर छह घंटे में लॉग आउट करना होगा।
पिछले सप्ताह जारी नए निर्देशों में अनिवार्य किया गया था कि वेब आधारित प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अराटाई, स्नैपचैट, शेयरचैट और अन्य प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के पंजीकरण से समय उपयोग किया जाने वाला सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (एसआईएम) सर्विसेज से जुड़ा होना चाहिए।
इस मतलब यह है कि मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की सर्विसेज सिम से जुड़ी हुई होंगी। यानी जब सिम यूजर्स के फोन में मौजूद होगी, तभी आप इन ऐप्स की सर्विसेज का उपयोग कर पाएंगे जैसे ही सिम बंद हो जाएगी, आप सर्विसेज उपयोग नहीं कर पाएंगे। इस कारण 'व्हाट्सएप वेब' जैसे प्लेटफॉर्म पर यूजर को हर छह घंटे में लॉग आउट करना होगा।
दूरसंचार विभाग की ओर से जारी सर्रकुलर में कहा गया है कि अगर डिवाइस में मूल सिम मौजूद न हो, तो 90 दिनों के बाद इन ऐप्स का उपयोग नहीं कर पाएंगे। प्रत्येक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म को चार महीनों के भीतर सरकार को एक अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी।
सरकार की ओर से मैसेजिंग ऐप्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है, क्योंकि साइबर जालसाज अकसर भारत के बाहर से बिना सिम के व्हाट्सएप का उपयोग करके धोखाधड़ी को अंजाम देते थे।
सिम बाइंडिंग को अनिवार्य बनाने से किसी सब्सक्राइबर की गतिविधि का पता लगाने का एक रास्ता मिलता है और इससे धोखधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
ये नियम दूरसंचार साइबर सुरक्षा संशोधन नियम, 2025 से निकले हैं, जिसमें दूरसंचार पहचानकर्ता उपयोगकर्ता इकाई का विचार प्रस्तुत किया गया था।
संशोधित नियमों के तहत, प्लेटफॉर्म को सिम पर संग्रहीत अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (आईएमएसआई) तक पहुंच की आवश्यकता होगी, जिसके लिए व्हाट्सएप जैसी वैश्विक सेवाओं को भारतीय यूजर्स के लिए अपने सिस्टम के कुछ हिस्सों को फिर से डिजाइन करना होगा।
टेक कंपनियों ने कहा कि लगातार सिम जांच और छह घंटे तक लॉगआउट करने से यूजर्स की प्राइवेसी में बाधा आएगी और मल्टी-डिवाइस यूज की सुविधा समाप्त हो जाएगी। हालांकि, दूरसंचार कंपनियों ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया।
--आईएएनएस
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