भारतीय कंपनियां ब्राजील में आगामी अपतटीय तेल खोज में भाग लेंगी : हरदीप पुरी

भारतीय कंपनियां ब्राजील में आगामी अपतटीय तेल खोज में भाग लेंगी : हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और ब्राजील तेल खोज और उत्पादन में अपनी साझेदारी का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं। ओएनजीसी जैसी भारतीय अपस्ट्रीम तेल कंपनियां लैटिन अमेरिकी देश में आगामी अपतटीय परियोजनाओं में भाग ले सकती हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ब्राजील के उपराष्ट्रपति और विकास, उद्योग, व्यापार एवं सेवा मंत्री गेराल्डो अल्कमिन से उनकी भारत यात्रा के दौरान मिलकर मुझे खुशी हुई। हमारी बातचीत भारत और ब्राजील के बीच बढ़ती ऊर्जा साझेदारी पर केंद्रित रही, जिसमें हाइड्रोकार्बन में मजबूत द्विपक्षीय व्यापार और पेट्रोब्रास के साथ दीर्घकालिक कच्चे तेल की आपूर्ति के अनुबंधों से लेकर ब्राजील के अपस्ट्रीम क्षेत्र में 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के भारतीय निवेश तक शामिल हैं, जिससे ब्राजील दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा निवेश डेस्टिनेशन बन गया है।"

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि खोज और उत्पादन में सहयोग के अवसरों, आगामी अपतटीय परियोजनाओं में भारत की भागीदारी और गहरे तथा अति-गहरे जल की गतिविधियों में पारस्परिक संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

उन्होंने आगे कहा कि चर्चा में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन, जैव ईंधन और इथेनॉल मिश्रण में सहयोग और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के तहत संयुक्त प्रयासों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जहां दोनों देश अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

पुरी ने कहा, "2006 से 2008 तक ब्राजील में भारत के राजदूत के रूप में कार्य करने के बाद, ब्राजील के साथ एक बार फिर जुड़ना मेरे लिए खुशी की बात है।"

ब्राजील दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

गुरुवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ब्राजील यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने हमारे व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समीक्षा तंत्र स्थापित करने और अगले पांच वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की।"

बयान के अनुसार, भारत और ब्राजील ने भारत और मर्कोसुर सदस्य देशों के बीच समझौते का व्यापक विस्तार करने का भी निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य टैरिफ वरीयताओं से लाभान्वित होने वाले द्विपक्षीय व्यापार के एक महत्वपूर्ण हिस्से को बढ़ावा देना है।

भारत और ब्राजील, अर्जेंटीना, बोलीविया, पैराग्वे और उरुग्वे सहित मर्कोसुर के बीच समझौते पर 17 जून, 2003 को हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य संबंधों को मजबूत करना और व्यापार के विस्तार को बढ़ावा देना था।

साझा बयान के अनुसार, समझौते के विस्तार में व्यापार और आर्थिक साझेदारी से संबंधित टैरिफ और गैर-टैरिफ, दोनों मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए।

--आईएएनएस

एबीएस/