नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। देश भर में डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन के विस्तार में उत्कृष्ट योगदान के लिए वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा शुक्रवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को प्रतिष्ठित 'डिजिटल भुगतान पुरस्कार' 2024-25 से सम्मानित किया गया है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत 100 प्रतिशत भारत सरकार के स्वामित्व वाली इकाई है।
यह पुरस्कार केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा प्रदान किया गया। इसे नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में आईपीपीबी के एमडी एवं सीईओ आर. विश्वेश्वरन और आईपीपीबी के सीजीएम एवं सीएसएमओ गुरशरण राय बंसल ने प्राप्त किया।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदर्शन सूचकांक में भारत में भुगतान बैंकों में पहला स्थान प्राप्त किया और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ‘विशेष उल्लेख’ पुरस्कार प्राप्त किया। यह छलांग आईपीपीबी की मजबूत क्षमताओं और उद्देश्यपूर्ण समावेशी, प्रौद्योगिकी-आधारित, नागरिक-केंद्रित बैंकिंग समाधान प्रदान करने की इसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सरकार ने बयान में कहा, "वित्तीय समावेशन को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने के लक्ष्य से स्थापित, आईपीपीबी भारत में डिजिटल बैंकिंग के लिए सबसे बड़े प्लेटफार्मों में से एक के रूप में सामने आया है, जो डाक विभाग के नेटवर्क की बेजोड़ पहुंच का लाभ उठाता है। एक मजबूत तकनीक-संचालित नेटवर्क और 2 लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा संचालित डोरस्टेप बैंकिंग मॉडल के साथ, आईपीपीबी देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है।"
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के एमडी एवं सीईओ श्री आर. विश्वेश्वरन ने कहा, "यह पुरस्कार डिजिटल वित्तीय सेवाओं को सुलभ, समावेशी और विश्वसनीय बनाने में आईपीपीबी के अथक प्रयासों का प्रमाण है। हम इस मान्यता से सम्मानित हैं और अभिनव और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग समाधानों के माध्यम से प्रत्येक भारतीय नागरिक को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
आईपीपीबी की शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को हुई थी। बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने के उद्देश्य से की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के लिए परेशानियों को दूर करना और डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम छोर तक पहुंचना है, जिसमें करीब 1,65,000 डाकघर और करीब 3,00,000 डाक कर्मचारी शामिल हैं।
--आईएएनएस
एबीएस/