मस्कट, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित भारत-ओमान फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, एग्रोकेमिकल, रिन्यूएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स में नए अवसर पैदा होंगे।
मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए गोयल ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के प्रवेश द्वार के रूप में ओमान को रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण बताया, जो भारतीय व्यवसायों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करता है।
ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री कैस अल यूसुफ ने कहा कि भारत ओमान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है और ओमान रणनीतिक क्षेत्रों में भारतीय निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि 2020 से ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना से अधिक बढ़कर 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें ग्रीन स्टील, ग्रीन अमोनिया, एल्युमीनियम निर्माण और रसद जैसे क्षेत्रों में निवेश हुआ है।
ओमान में ईवाई के टैक्स पार्टनर अल्केश जोशी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें और इसमें भारत-ओमान के बीच एफटीए पर मोहर लगने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी के दौरे का हम सभी काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दौरे पर फोकस भारत-ओमान के बीच एफटीए पर होगा और इसे लेकर ओमान में भी काफी चर्चा है। मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.5 अरब डॉलर का है। जैसे ही यह एग्रीमेंट अमल में आएगा, दोनों देशों के बीच व्यापार अगले दो से तीन वर्षों में दोगुना हो सकता है और इसमें दोनों पक्षों के व्यापारियों को मौका मिलेगा।
जोशी ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने हैं। हाल ही में ओमान में शूर के पास एक गांव में हड़प्पा के समय की चीजें मिली हैं, जो दिखाता है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध 4 से 5 हजार साल पुराने हैं।
--आईएएनएस
एबीएस/