नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में नवंबर 2025 में सौदों यानी डील्स एक्टिविटी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसमें आईपीओ और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट्स (क्यूआईपी) को मिलाकर कुल 270 डील्स हुई हैं, जिनकी वैल्यू 11.4 अरब डॉलर रही।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की लेटेस्ट डीलट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक, यह अब तक की सबसे बड़ी मासिक डील्स संख्या है, जो भारत की आर्थिक स्थिति में मजबूत निवेशक विश्वास को दर्शाता है, भले ही बड़े लेनदेन में कुछ मंदी आई हो।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में निजी बाजार में भी 252 डील्स हुईं, जिनकी कुल कीमत 6.7 अरब डॉलर थी। कुल डील्स की संख्या अक्टूबर के मुकाबले 24 प्रतिशत बढ़ी, हालांकि डील की वैल्यू में 32 प्रतिशत की गिरावट आई।
नवंबर में 1.1 अरब डॉलर मूल्य के 99 विलय और अधिग्रहण सौदे (एमएंडए डील्स) हुए हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक एमएंडए डील्स संख्या है। हालांकि, इस महीने बड़े सौदों की कमी के कारण डील्स की वैल्यू में गिरावट आई। इसमें घरेलू डील्स की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जबकि आउटबाउंड डील्स की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत रही, जो भारतीय कंपनियों के वैश्विक विस्तार की योजना को दर्शाता है।
नवंबर में 153 प्राइवेट इक्विटी डील्स हुई हैं, जिनकी कुल कीमत 5.5 अरब डॉलर थी, जो जून 2022 के बाद से सबसे बड़ी मासिक पीई वैल्यू को दर्शाता है। इसमें बड़ी निवेश परियोजनाओं ने मदद की, जैसे ब्रूकफील्ड इंडिया आरईआईटी द्वारा अर्लिगा इकोवर्ल्ड बिजनेस पार्क्स में 1.49 अरब डॉलर का निवेश और टीपीजी राइज क्लाइमेट का हाइपरवॉल्ट एआई डेटा सेंटर में 1 अरब डॉलर का निवेश। बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट, और आईटी सेवाओं ने कुल पीई वैल्यू में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान किया।
नवंबर में आईपीओ गतिविधि पिछले महीने की तुलना में थोड़ी धीमी रही। 11 आईपीओ ने मिलकर 3.7 अरब डॉलर जुटाए, जबकि 7 क्यूआईपी ने 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई। कुल मिलाकर, सार्वजनिक बाजार से कंपनियों 4.8 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिसमें खुदरा, बैंकिंग, ऑटोमोटिव और शिक्षा क्षेत्र की कंपनियों का प्रमुख योगदान रहा।
खुदरा और उपभोक्ता कंपनियों ने 47 डील्स के साथ 341 मिलियन डॉलर का लेनदेन किया। बैंकिंग और वित्तीय सेवा सेक्टर 37 डील्स और 1.6 अरब डॉलर के लेनदेन के साथ वैल्यू के मामले में सबसे बड़े योगदानकर्ता थे।
--आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस