नए लेबर कोड भारत के माइन वर्कर्स को बना रहे सशक्त

नए लेबर कोड भारत के माइन वर्कर्स को बना रहे सशक्त

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के अनुसार, भारत व्यापक लाभों और समान सुरक्षा उपायों की व्यवस्था पर आधारित माइनिंग सेक्टर में सतत विकास की नींव रख रहा है। नए लेबर कोड एक ऐसा फ्रेमवर्क बनाया है जो बेहतर काम के घंटों, स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों, सोशल सिक्योरिटी और जेंडर-इंक्लूसिव प्रैक्टिस के जरिए माइन वर्कर्स को सशक्त बना रहा है।

भारत का माइनिंग सेक्टर देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सेक्टर सरकार के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल, रोजगार के अवसर, एक्सपोर्ट प्रमोशन और राजस्व प्रदान करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास के साथ, मिनरल और माइनिंग रिसोर्सेज की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, नए लेबर कोड माइनिंग सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हैं और माइन वर्कर्स को सशक्त बनाने के लिए ट्रांसफॉर्मेटिव सुधारों को पेश करते हैं।

नए लेबर कोड सुनिश्चित करते हैं कि श्रमिकों को सप्ताह में 5 या 6 काम पर रखा जाए और उन्हें एक या दो दिन का साप्ताहिक अवकाश मिले। किसी भी श्रमिक को कम से कम 30 मिनट के रेस्ट इंटरवल के बिना लगातार पांच घंटों से अधिक काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

नए लेबर कोड के तहत, अंडर ग्राउंड और अबव ग्राउंड वर्कर्स के लिए काम के घंटे समान रूप से प्रतिदिन 8 घंटे निर्धारित हैं और अधिकतम साप्ताहिक घंटे 48 घंटे तक सीमित हैं। इसके अलावा, ओवरटाइम सामान्य मजदूरी दर से दोगुना देय है।

कर्मचारी अब एक योग्य चिकित्सक की ओर से निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच के हकदार हैं; पहले यह पांच/ तीन वर्ष में एक बार होता था।

नए लेबर कोड सुनिश्चित करते हैं कि श्रमिकों को हर वर्ष एक क्वालिफाइड मेडिकल प्रैक्टिशनर से फ्री हेल्थ चेक-अप की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए, जो इससे पहले 3-5 वर्षों में एक बार उपलब्ध करवाई जाती थी। अब प्रत्येक कर्मचारी को माइन में नियुक्ति पर नियुक्ति पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा।

इसके अलावा, महिलाओं को अब सभी प्रकार के कार्यों में काम करने की अनुमति है, जिसमें बिलोग्राउंड माइन भी शामिल हैं। वे अपनी सहमति से सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद भी काम कर सकती हैं।

--आईएएनएस

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