गुजरात: भावनगर जिले की जेसर तालुका में काफी बेहतर हुआ लड़कियों का अनुपात

गुजरात: भावनगर जिले की जेसर तालुका में काफी बेहतर हुआ लड़कियों का अनुपात

भावनगर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात के भावनगर जिले की जेसर तालुका में लड़कियों के अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, लड़कियों के जन्म, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर अच्छे नतीजे दिखा रही हैं।

केंद्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना जैसी प्रमुख पहलों के साथ-साथ गुजरात सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना और वाहली दिकरी योजना जैसे कार्यक्रमों ने सामाजिक सोच बदलने और लड़कियों के लिए सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।

नतीजतन, जेसर तालुका में लड़कियों के जन्म की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। भावनगर जिला पंचायत के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के दौरान जेसर तालुका में लड़कियों का अनुपात 1,075 तक पहुंच गया है।

इसका मतलब है कि तालुका में पैदा हुए हर 1,000 लड़कों पर 1,075 लड़कियां पैदा हुईं, जो सकारात्मक जनसंख्या परिवर्तन का एक उत्साहजनक संकेत है।

स्थानीय महिलाएं इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और कल्याण-केंद्रित शासन को देती हैं।

उनका कहना है कि बेटियों के पालन-पोषण, शिक्षा और भविष्य की सुरक्षा में मदद करने वाली सरकारी पहलों ने परिवारों को लंबे समय से चले आ रहे पूर्वाग्रहों को छोड़ने और लड़कियों के जन्म का स्वागत करने में मदद की है।

अधिकारी इस सुधार का श्रेय राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के लगातार प्रयासों को देते हैं।

लिंग भेदभाव को खत्म करने के लिए जागरूकता अभियानों के साथ-साथ, अवैध प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण को रोकने के लिए सोनोग्राफी केंद्रों की कड़ी निगरानी की जा रही है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जन्म के समय वित्तीय प्रोत्साहन से लेकर शैक्षिक सहायता और करियर मार्गदर्शन तक, व्यापक समर्थन ने सामूहिक रूप से इस सफलता में योगदान दिया है।

जेसर तालुका द्वारा हासिल की गई प्रगति इस बात का एक मजबूत उदाहरण है कि कैसे नीतिगत हस्तक्षेप और सामुदायिक भागीदारी सार्थक सामाजिक परिवर्तन ला सकती है।

जेसर तालुका में बढ़ता लड़कियों का अनुपात एक शक्तिशाली संदेश देता है, बेटियां बोझ नहीं, बल्कि आशीर्वाद हैं और एक संतुलित और प्रगतिशील समाज का एक अभिन्न अंग हैं।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी