नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, अब अपनी दूसरी इन्फ्रास्ट्रक्चर लहर में प्रवेश कर चुका है और इसी वजह से वैश्विक निवेशक भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।
भारत में निवेश का माहौल काफी सकारात्मक है, क्योंकि देश की दीर्घकालिक वृद्धि मजबूत है, नीतियां स्पष्ट हैं, और सरकार ने कई क्षेत्रों में निवेश के अच्छे मौके दिए हैं। इसमें परिवहन, ऊर्जा, डिजिटल क्षेत्र, और नई पीढ़ी के उद्योग शामिल हैं। यह जानकारी ग्रीक सिटी टाइम्स न्यूज पोर्टल में प्रकाशित एक लेख से सामने आई है।
वित्त वर्ष 2025-26 के बाद भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पूरी दुनिया में बड़े निवेश का ध्यान खींचने वाला है, जिससे भारत सिर्फ एक अच्छा निवेश स्थल ही नहीं, बल्कि दुनिया की आर्थिक ताकत बन सकता है।
भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पिछले तीन वर्षों से लगातार बाजार की उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले तीन साल में 82.8 प्रतिशत और पांच सालों में 181.2 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है, जो निफ्टी 50 से कहीं अधिक है। यह लगातार बढ़ती ताकत सिर्फ एक सामान्य वृद्धि नहीं है, बल्कि यह एक बुनियादी बदलाव का संकेत है, जिसे निवेशक वित्त वर्ष 2026 से 2030 तक के लंबे समय तक चलने वाले विकास की शुरुआत मानते हैं।
भारत में एक्सप्रेसवे, पावर कॉरिडोर, लॉजिस्टिक्स हब, और एयरपोर्ट विस्तार जैसे बड़े विकास कार्यक्रम चल रहे हैं। इन योजनाओं से ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कॉन्ट्रैक्ट) कंपनियों, डेवलपर्स, लेंडर्स और दीर्घकालिक निवेशकों के लिए बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
भारत में सड़क, विमानन और समुद्री क्षेत्र में बड़ी तेजी से विकास हो रहा है। 1,46,000 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क बढ़ रहा है और हर साल 10,000 से 11,000 किलोमीटर के नए मार्ग बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, भारतमाला जैसे कार्यक्रम और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है।
भारत अब दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में शामिल हो गया है। अब तक सक्रिय हवाई अड्डों की संख्या 163 हो चुकी है और यात्रियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है। सरकार ने 350-400 हवाई अड्डे बनाने की योजना बनाई है, जिससे विमानन क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है।
--आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस