नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में 8-10 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और आने वाले वर्षों में यह ग्लोबल इंजन की भूमिका निभाएगा। यह बयान कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी नीलेश शाह की ओर से दिया गया।
न्यूयॉर्क में कोटक इंटरनेशनल इंडिया इनसाइट समिट में बोलते हुए, शाह ने कहा कि भारत की आर्थिक यात्रा मजबूत घरेलू खपत, एक वाइब्रेंट सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग विस्तार से संचालित है, जिसने सामूहिक रूप से राष्ट्र को 2025 तक 4 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े को पार करने में सक्षम बनाया है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रति व्यक्ति आय 2,940 डॉलर और दुनिया में 136 वें नंबर पर होने के बावजूद, देश का दुनिया की अर्थव्यवस्था में योगदान तेजी से बढ़ रहा है।
शाह ने कहा, "दुनिया की ग्रोथ में भारत का योगदान 8-10 प्रतिशत है और क्रय शक्ति समता के संदर्भ में हमारा योगदान करीब 18 प्रतिशत है। इससे देश आने वाले समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में इंजन की भूमिका को निभा सकता है।"
कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी के मुताबिक, भारत के इक्विटी बाजार ने 2020 से लेकर 2025 के बीच 13.7 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया है और दुनिया के सभी उभरते हुए बाजारों से अच्छा प्रदर्शन किया है, जो कि देश की लंबी अवधि की ग्रोथ स्टोरी में निवेशकों के विश्वास को दिखाता है।
राजकोषीय अनुशासन पर जोर देते हुए, शाह ने बताया कि भारत का कंसोलिडेटेड घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 7 प्रतिशत बना हुआ है और भारत कोविड एवं 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद अपने डेट-टू-जीडीपी को कम करने वाला एकमात्र बड़ा देश है।
बाजार के खुलेपन से जुड़ी चिंताओं पर शाह ने कहा कि भारत वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आसान अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है।
उन्होंने कहा, "हमारे सबसे बड़े सूचीबद्ध बैंक, एसेट मैनेजमेंट कंपनी, ऑटोमोबाइल कंपनी, एफएमसीजी कंपनी, टेलीकॉम कंपनी और इंजीनियरिंग कंपनी में अधिकांश हिस्सेदारी विदेशियों के पास है।"
उन्होंने आगे कहा कि चीन के बंद डिजिटल इकोसिस्टम के विपरीत, मेटा, गूगल, एक्स, व्हाट्सएप और अमेजन जैसी वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों की मेजबानी करने की भारत की इच्छा ने इसके इनोवेशन और निवेश आउटलुक को और मजबूत किया है।
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