नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस) । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डच सेमीकंडक्टर दिग्गज एएसएमएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यूरोप संघ की यूरोपीय कंपनियों की पहुंच से बाहर होने की आलोचना की और कहा कि इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उन कंपनियों की पर्याप्त पहुंच है, जो भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं।
जब पोलिटिको के पत्रकारों ने एएसएमएल के ग्लोबल पब्लिक अफेयर्स एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट फ्रैंक हीमस्कर्क से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि कंपनी को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर जैसे शीर्ष यूरोपीय नीति निर्माताओं तक पर्याप्त पहुंच है तो फ्रैंक ने कहा, "यह हमेशा आसान नहीं होता।"
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि एएसएमएल के सीईओ क्रिस्टोफ फौकेट ने पीएम मोदी के साथ दो घंटे की बैठक की थी।
हीमस्कर्क ने कहा, "मुझे डेढ़ घंटे सुनने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आप बहुत मिलनसार हैं। मुझे बताएं कि हम क्या बेहतर कर सकते हैं।"
पोलिटिको की रिपोर्ट में एएसएमएल के अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "राजनीतिक नेताओं को उन कंपनियों के साथ बैठना चाहिए जो पैसा लगा रही हैं।"
डच चिप उपकरण निर्माता एएसएमएल वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत में सक्रिय रूप से साझेदारियां तलाश रही है और अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रही है।
एएसएमएल एक्सट्रीम अल्ट्रावॉयलेट लिथोग्राफी मशीनों का एकमात्र निर्माता है, जो एआई, इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य डिजिटल तकनीकों में उपयोग किए जाने वाले एडवांस माइक्रोचिप्स के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।
कंपनी अपने एडवांस लिथोग्राफी सॉल्यूशन और विशेषज्ञता सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से, भारतीय कारखानों को कटिंग एज चिप उत्पादन में मदद करने के लिए प्रदान करने की योजना बना रही है।
इस कदम का उद्देश्य घरेलू चिप निर्माण के लिए भारत के मजबूत सरकारी समर्थन, तेजी से बढ़ते तकनीकी इकोसिस्टम और कुशल कार्यबल का लाभ उठाना है, साथ ही वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच एएसएमएल के अपने बाजारों में विविधता लाना है।
कंपनी की विशेषज्ञता उभरते भारतीय कारखानों को उच्च-प्रदर्शन, ऊर्जा-कुशल चिप्स बनाने में मदद कर सकती है, जिससे ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
टीएसएमसी और सैमसंग जैसे प्रमुख चिप निर्माताओं के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में, एएसएमएल वैश्विक व्यापार तनाव और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले निर्यात प्रतिबंधों के कारण अपने बाजारों में विविधता लाना चाहता है।
एएसएमएल ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में भाग लिया और इसे भारतीय इकोसिस्टम से जुड़ने और भविष्य के अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत, 10 सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दी गई है। इन प्लांट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
केंद्रीय आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, "साणंद में एक यूनिट में पायलट प्रोडक्शन लाइन पहले ही शुरू हो चुकी है और एक साल के भीतर, चार और यूनिट के उत्पादन में आने की उम्मीद है। एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च और मर्क जैसी वैश्विक अग्रणी कंपनियां कारखानों और सप्लाई चेन को समर्थन देने में निवेश कर रही हैं। यह इकोसिस्टम अप्रोच उद्योग के दीर्घकालिक विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोकस को दर्शाता है।"
--आईएएनएस
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