आईटीईसी भागीदार देशों के सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने जीईएम के मुख्यालय का किया दौरा

आईटीईसी भागीदार देशों के सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने जीईएम के मुख्यालय का किया दौरा

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के तहत 23 आईटीईसी भागीदार देशों के 24 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जीईएम के मुख्यालय का दौरा किया।

इन आईटीईसी भागीदार देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा कैपेसिटी बिल्डिंग पहल का हिस्सा था।

जीईएम के सीईओ मिहिर कुमार ने इस अवसर पर कहा, "हमारा उद्देश्य एक ऐसा प्रोक्योरमेंट इकोसिस्टम बनाना है, जो कुशल होने के साथ-साथ इंक्लूसिव भी हो।"

उन्होंने आगे कहा कि जब खरीदार और विक्रेता एक फेयर, ट्रांसपेरेंट ऑनलाइन मार्केटप्लेस में एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो इसका लाभ देश को मिलता है।

मंत्रालय के अनुसार, इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिनिधियों को जीईएम के डिजिटल आर्किटेक्चर, बेस्ट-इन क्लास प्रोक्योरमेंट प्रैक्टिस और भारत भर से प्राप्त ट्रांसफॉर्मेशनल आउटकम की गहरी समझ प्राप्त हुई।

इस दौरे के साथ ट्रेडिशनल प्रोक्योरमेंट से जुड़ी सिस्टेमैटिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया और दिखाया कि किस प्रकार जीईएम के टेक्नोलॉजी-लेड सॉल्यूशन पब्लिक प्रोक्योरमेंट लैंडस्केप को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।

यह दौरा डिजिटल पब्लिक प्रोक्योरमेंट सुधार पर इंटरनेशनल सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण रहा। साथ ही, इस दौरे ने सीमा पार की लीडरशिप और प्रोक्योरमेंट एक्सीलेंस के जरिए जीईएम और एजेएनआईएफएम की कैपेसिटी-बिल्डिंग को बढ़ावा देने के साझा विजन को दर्शाया।

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इस सहभागिता ने भारत के डिजिटल प्रोक्योरमेंट ट्रांसफॉर्मेसन की ग्लोबल समझ को गहरा किया और जीईएम की ट्रांसपेरेंट, एफिशिएंट और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पब्लिक प्रोक्योरमेंट के ग्लोबल बेंचमार्क के रूप में स्थिति मजबूत की।

प्रतिनिधियों की ओर से जीईएम के मुख्य स्तंभ-कैपेसिटी एन्हांसमेंट, थॉट लीडरशिप, कम्युनिटी ऑफ प्रैक्टिस और ग्लोबल एडवोकेसी पर चर्चा की गई।

इस दौरे के साथ जीईएम की ओर से डिजिटल पब्लिक प्रोक्योरमेंट सुधार के लिए वैश्विक समर्थन को आगे बढ़ाने, साझेदार देशों के साथ भारत की विशेषज्ञता को साझा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।

--आईएएनएस

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