2020 दिल्ली दंगे: अदालत ने विशेष लोक अभियोजक के खिलाफ निराधार आरोपों की निंदा की

प्रतीकात्मक छवि

नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के राष्ट्रीय राजधानी दंगों के मामले में विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए वकील महमूद प्राचा की कड़ी आलोचना की है।

दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में एक आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे प्राचा ने आरोप लगाया कि प्रसाद ने एक निजी जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस से नकद में पैसे लिए थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि अदालत इन आरोपों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। उन्होंने प्राचा से आवश्यक समझने पर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया।

अदालत ने निराधार दावों पर अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मामले की योग्यता से कोई संबंध नहीं है।

प्राचा भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा दर्ज 2020 की प्राथमिकी 59 में आरोपी तसलीम अहमद का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

अहमद की जमानत पर सुनवाई के दौरान अगस्त में प्राचा ने प्रसाद के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए, जिसका विशेष लोक अभियोजक ने कड़ा विरोध किया।

जवाब में, प्रसाद ने जोर देकर कहा कि आरोपों की गंभीरता के कारण वह मामले में विशेष लोक अभियोजक नहीं बने रह सकते।

उन्होंने प्राचा को निजी अन्वेषक के हलफनामे सहित उनकी ईमानदारी के खिलाफ गंभीर आरोपों को साबित करने के लिए सबूत प्रदान करने की चुनौती दी।

इसके अलावा, प्रसाद ने यह देखते हुए कि प्राचा का उल्लेख एक संरक्षित गवाह द्वारा अपने बयान में किया गया था, हितों के टकराव के बारे में चिंता जताई।

अदालत ने इस मुद्दे को अभियोजक या दिल्ली बार काउंसिल के लिए खुला छोड़ दिया ताकि वह आवश्यक समझे जाने पर विचार कर सके या कार्रवाई कर सके।

हितों के टकराव के आरोपों के बावजूद, आरोपी अहमद ने प्राचा द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने पर जोर दिया।

अदालत ने मामले को स्वीकार कर लिया और निर्देश दिया कि कार्यवाही जारी रहे, अहमद की जमानत याचिका पर बहस 7 दिसंबर के लिए निर्धारित की गई।

--आईएएनएस

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