नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। अरबपति कारोबारी और आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का शनिवार को जन्मदिन है। 14 जून, 1967 को जन्मे कुमार मंगलम बिड़ला उन कुछ चुनिंदा कारोबारियों में से हैं, जिन्होंने छोटी उम्र में कारोबार संभाला और बड़ी सफलता प्राप्त की। आइए जानते हैं उनकी कहानी...
कुमार मंगलम बिड़ला का बचपन कोलकाता और मुंबई में बीता। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से हासिल की और इसके बाद मुंबई यूनिवर्सिटी के एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया। फिर लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया और बाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल की।
पिता आदित्य बिड़ला की मौत के बाद कुमार मंगलम बिड़ला को महज 28 साल की उम्र में कारोबार की कमान संभालनी पड़ी थी।
लेकिन कठिन परिस्थितियों में भी कुमार मंगलम बिड़ला ने कारोबार को मजबूत करने का काम किया और इसे वैश्विक स्तर पर फैलाया।
उनके पिछले 30 वर्षों के कार्यकाल में आदित्य बिड़ला ग्रुप का टर्नओवर 30 गुना बढ़ चुका है। इस दौरान ग्रुप ने घरेलू और वैश्विक स्तर पर 60 से ज्यादा अधिग्रहणों को पूरा किया है, जो कि किसी भारतीय कारोबारी समूह द्वारा किए गए अब तक के सबसे ज्यादा अधिग्रहण हैं।
मौजूदा समय में आदित्य बिड़ला ग्रुप का कारोबार छह महाद्वीपों के 41 देशों में फैला हुआ है। ग्रुप का टर्नओवर करीब 65 अरब डॉलर का है। वहीं, ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों का मार्केटकैप 100 अरब डॉलर से भी अधिक का है।
कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व में आदित्य बिड़ला ग्रुप सीमेंट, केमिकल, मेटल और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में लीडर है। ग्रुप में 100 से ज्यादा देशों के करीब 1,87,000 कर्मचारी काम करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में कुमार मंगलम बिड़ला को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2023 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे 2021 में बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन के लिए टीआईई ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड पाने वाले पहले भारतीय उद्योगपति भी थे। बिड़ला 2019 में एबीएलएफ ग्लोबल एशियन अवार्ड के भी प्राप्तकर्ता रहे हैं। यह अवार्ड यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्रालय के संरक्षण में दुबई स्थित एशियन बिजनेस लीडरशिप फोरम द्वारा दिया गया था।
इसके अतिरिक्त बिड़ला को 2023 में हुरुन इंडिया द्वारा 'दशक के सबसे सम्मानित उद्यमी' से भी सम्मानित किया गया था।
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