सूरत, 14 अगस्त (आईएएनएस)। देश को आजादी मिले 78 साल बीत चुके हैं, लेकिन गुजरात राज्य के सूरत जिले के रांदेर क्षेत्र में रामनगर के पाकिस्तानी मोहल्ले में रहने वाले सैकड़ों सिंधी परिवारों को अब जाकर अपनी असली पहचान मिली है। अब यह इलाका आधिकारिक तौर पर 'हिंदुस्तानी मोहल्ला' के नाम से जाना जाएगा।
सूरत पश्चिम के विधायक और गुजरात सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी के अथक प्रयासों से यह ऐतिहासिक बदलाव संभव हुआ है। इस अवसर पर हिंदुस्तानी मोहल्ला नाम के नए बोर्ड का अनावरण किया गया, जिसने स्थानीय निवासियों में खुशी और गर्व की लहर दौड़ा दी।
पूर्णेश मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से इस इलाके का नाम बदलने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। साल 2018 में नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित हो चुका था, लेकिन अब जाकर यह अमल में आया है।
उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। अब इस मोहल्ले के निवासी गर्व से कह सकेंगे कि वे हिंदुस्तानी मोहल्ले में रहते हैं।" आने वाले दिनों में निवासियों के दस्तावेजों में भी पुराना नाम बदलकर हिंदुस्तानी मोहल्ला दर्ज करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
स्थानीय निवासियों में इस बदलाव को लेकर उत्साह है। सुदामा लाल भोलानी ने कहा, "पहले हमें अपने पते का जिक्र करने में झिझक होती थी, लेकिन अब हम गर्व से कह सकते हैं कि हम हिंदुस्तानी मोहल्ले के निवासी हैं।"
पवन हसीजा ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "यह हमारे लिए सम्मान की बात है। हमारी नई पहचान हमें देश के प्रति गर्व का अहसास कराती है।"
सागर पटेल ने इस बदलाव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कदम समुदाय को एक नई ऊर्जा देगा। यह बदलाव न केवल एक नाम परिवर्तन है, बल्कि सैकड़ों परिवारों की भावनाओं और गर्व से जुड़ा एक कदम है, जो उन्हें अपनी भारतीयता पर गर्व करने का नया अवसर देता है।
भरत जेठवानी ने भावुक होकर कहा, "हम सिंधी लोग बंटवारे के बाद से यहां रह रहे हैं। पाकिस्तानी मोहल्ला नाम से पहचाने जाना हमारे लिए असहज था। अब हिंदुस्तानी मोहल्ला नाम से हमारी पहचान देश के साथ जुड़ गई है।"
वहीं, दिव्या पटेल ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का पल है। हम अब हिंदुस्तानी मोहल्ले का हिस्सा हैं।
नीतू गांगुली ने कहा, "हम यहां 20-22 साल से रह रहे हैं। हम लोग हिंदुस्तानी हैं और अब हमारा मोहल्ला भी हमारी इस पहचान को दर्शाता है।
--आईएएनएस
एकेएस/डीकेपी