वडोदरा, 7 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात के वडोदरा में शुक्रवार को 'वंदे मातरम' राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने एक सामूहिक गान किया।
भाजपा वडोदरा महानगर अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश सोनी की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में वंदे मातरम के 150 वर्षों की महिमा पर विशेष कार्यक्रम 'समूहगान एवं वक्तव्य' का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता, रावपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालकृष्ण शुक्ल, वडोदरा की मेयर, स्थायी समिति अध्यक्ष और बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
उपस्थित सभी लोगों ने राष्ट्रीय भावनाओं और स्वदेशी संकल्प को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को प्रोत्साहित करने की शपथ ली।
विधायक बालकृष्ण शुक्ल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "स्वतंत्र भारत में पहली बार सभी भारतीयों को एक साथ जुड़ने के लिए बंकिम चंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को वंदे मातरम की रचना की थी और 1896 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कलकत्ता अधिवेशन में वंदे मातरम गाया था। उसके बाद इसको 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में मनाया गया है।"
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में इसका आयोजन किया है। वडोदरा शहर में भाजपा की ओर से हर वार्ड में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 26 नवंबर तक चलने वाला है।
भाजपा वडोदरा महानगर अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश सोनी ने कहा कि वंदे मातरम में भारत माता का वर्णन है और भारत माता की आराधना है। इसी आंदोलन के साथ आजादी के समय लोगों ने भाग लिया था। इस समय भारत माता की आराधना के लिए इससे अच्छा शब्द कहां से आएगा?
इसी तरह के आयोजन गुजरात के विभिन्न जिलों में किए गए, जिनमें डांग जिला कलेक्टर कार्यालय और राजकोट महानगर पालिका शामिल थे। राजकोट महापौर नयनाबेन पेढडिया ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "राजकोट नगरपालिका में वंदे मातरम राष्ट्रगीता का सामूहिक गान किया गया है।"
स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयमिन ठाकोर ने कहा कि वंदे मातरम एक गीत नहीं, ग्रंथ है। भारत को जब आजादी नहीं मिली थी तो इस गीत को बनाया गया था। आजादी के समय ये गीत वीर सैनिकों और सैनानियों को जुनून देता था। पूरे देश में 150 साल पूरे होने पर गीत गाया गया।
वडोदरा में आयोजित इस कार्यक्रम को विशेष रूप से राष्ट्रीय भावना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है। राज्यभर में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें सूरत पुलिस मुख्यालय, बीएसएफ 176 बटालियन मोटी छेर और गुजरात विधानसभा में भी भव्य आयोजन किए गए।
--आईएएनएस
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