नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रसोई में बड़ियों का प्रचलन सदियों से चलता आ रहा है। पारंपरिक रूप से सब्जी और दालों की बड़ियां हमेशा थाली की शान रही हैं, लेकिन बीते काफी समय से सोया बड़ी का चलन बढ़ गया है।
ये सस्ती और प्रोटीन से भरी होती है। सोया बड़ी उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो शाकाहारी होते हैं। शाकाहारी थाली में हमेशा प्रोटीन की कमी देखी गई है।
आयुर्वेद में सोया बड़ी को पौष्टिक आहार की श्रेणी में रखा गया है। आयुर्वेद में सोया बड़ी को भारी, कम तेलीय और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाला कहा गया है। ये शरीर में वात को बैलेंस करता है, लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो ये शरीर में पित्त की प्रवृत्ति को बढ़ा देता है। ऐसे में सबसे पहले जानते हैं कि घर पर ही सोया बड़ी कैसे बनाई जा सकती है और इसके सेवन के क्या लाभ हैं।
सोया बड़ी बनाने के लिए सोयाबीन के बने आटे की जरूरत होती है। पहले सोयाबीन से तेल को अलग किया जाता है और फिर बचे हुए डी-ऑयल्ड सोया फ्लोर को पकाया जाता है, जिसके बाद स्वादानुसार आटे से छोटी-छोटी बड़ियां बनाई जाती हैं और धूप में सूखाकर लंबे समय तक स्टोर किया जाता है। सोयाबीन में कम वसा और अधिक प्रोटीन होता है, जो इसे दूसरी सब्जियों वाली बड़ियों से अलग बनाती हैं। इसमें 52 फीसदी प्रोटीन है, जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता है और उन्हें अच्छे से बढ़ने में मदद करता है।
अगर शरीर में प्रोटीन की कमी है, तो हर दूसरे दिन सीमित मात्रा में सोया बड़ी का सेवन किया जा सकता है। सोया बड़ी हार्मोन को संतुलित करने में भी सहायक है। महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले हार्मोनल बदलावों में काफी हद तक सोया बड़ी का सेवन लाभकारी होता है।
इसके अलावा, सोया बड़ी दिल का भी अच्छे से ख्याल रखती है। सोया बड़ी में वसा का स्तर कम होता है, जिस वजह से इसे सीमित मात्रा में दिल से समस्या से जुड़े मरीज भी डॉक्टर की सलाह पर खा सकते हैं। अगर वजन अनियंत्रित तरीके से बढ़ रहा है, तब भी भोजन में सोया बड़ी का सेवन किया जा सकता है। सोया बड़ी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और ज्यादा भूख नहीं लगती।
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