गजराज राव को पसंद आई अमेरिकी फिल्म 'जे केली' पर उत्तम कुमार के अभिनय को बताया जॉर्ज क्लूनी से बेहतर

गजराज राव को पसंद आई अमेरिकी फिल्म 'जे केली' पर उत्तम कुमार के अभिनय को बताया जॉर्ज क्लूनी से बेहतर

मुंबई, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। अभिनेता गजराज राव सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रशंसकों से जुड़े रहते हैं। अपने हालिया पोस्ट में गजराज ने बताया कि उन्हें नेटफ्लिक्स की अमेरिकन एक्टर और फिल्म निर्माता जॉर्ज क्लूनी की फिल्म 'जे केली' काफी पसंद आई। उन्होंने इसे साल 1999 में रिलीज सत्यजीत रे की क्लासिक 'नायक' से जोड़कर देखा।

गजराज राव ने इंस्टाग्राम पोस्ट में 'जे केली' की सराहना करने के साथ ही उसकी तुलना सत्यजीत रे की फिल्म 'नायक' से की। उन्होंने कहा कि दोनों फिल्म की थीम एक जैसी है, लेकिन नायक में मुख्य भूमिका निभाने वाले उत्तम कुमार का अभिनय हॉलीवुड के जॉर्ज क्लूनी से बेहतर है।

गजराज ने लिखा, " सत्यजीत रे की 'नायक' एक स्टार की दुनिया की गहरी और यादगार खोज है, जिसमें भारतीय अभिनेता उत्तम कुमार का अभिनय बेहतरीन है। नेटफ्लिक्स पर 'जे केली' देखने के बाद लगा कि यह फिल्म भी इसी तरह की थीम से जुड़ी हुई है। फिल्म में जॉर्ज क्लूनी रहस्यमयी और दिलचस्प लगे, जबकि एक्टर एडम सैंडलर भी अपने किरदार में कमाल के रहे।"

हालांकि, गजराज राव ने साफ कहा कि क्लूनी की कितनी भी प्रशंसा कर लें, लेकिन 'नायक' में उत्तम कुमार का प्रदर्शन उनसे कहीं आगे था। उन्होंने आगे लिखा, " मैं दोनों फिल्में देख चुका हूं। मेरी नजर में बंगाली सिनेमा के दिग्गज उत्तम कुमार का अभिनय बेजोड़ है।"

अभिनेता ने नेटफ्लिक्स की एक और पहल की तारीफ की। प्लेटफॉर्म ने 'जे केली' की मेकिंग डॉक्यूमेंट्री भी जारी की है, जिसमें निर्देशक नोआ बॉमबैक की फिल्म मेकिंग प्रोसेस को दिखाया गया है। गजराज के मुताबिक, यह डॉक्यूमेंट्री देखना सिनेमा के शौकीनों के लिए सच में एक खास तोहफा है।

'नायक' साल 1966 में रिलीज सत्यजीत रे की प्रतिष्ठित फिल्मों में शुमार है, जबकि 'जे केली' हालिया रिलीज अमेरिकी फिल्म है, जिसे दर्शकों का प्यार मिल रहा है।

सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म 'नायक' फिल्म स्टार अरिंदम मुखर्जी (उत्तम कुमार) की कहानी है। वह ट्रेन से कोलकाता से दिल्ली अवॉर्ड लेने जाते हैं। इस 24 घंटे की यात्रा में एक युवा पत्रकार अदिति (शर्मिला टैगोर) से बातचीत के दौरान वह अपनी सफलता के पीछे की असुरक्षाएं, पछतावे और अकेलापन खोलकर रख देता है। फ्लैशबैक और सपनों के जरिए उसकी जिंदगी की झलकियां दिखाई जाती हैं।

--आईएएनएस

एमटी/वीसी