गांधीनगर, 1 नवंबर (आईएएनएस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में शनिवार को 'भारत पर्व- 2025' का भव्य शुभारंभ हुआ। इस पंद्रह दिनों तक चलने वाले समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मंत्रों पर जोर दिया।
समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, आदिजाति विकास तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री पीसी. बरंडा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का उद्घाटन किया। यह पंद्रह दिवसीय उत्सव 1 से 15 नवंबर तक चलेगा, जिसमें देश की 'अनेकता में एकता' की भावना को जीवंत रूप प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र 'राज्य अनेक, राष्ट्र एक', 'समाज अनेक, भारत एक', 'भाषा अनेक, भाव एक' तथा 'रंग अनेक, तिरंगा एक' को केंद्र में रखते हुए यह पर्व लौह पुरुष सरदार पटेल के योगदान को सलाम करता है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह भारत पर्व प्रधानमंत्री मोदी के इन मंत्रों को चरितार्थ करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने हृदय में 'स्व' का नहीं, बल्कि 'समस्त' व 'राष्ट्रहित प्रथम' का विचार रखा है। सरदार पटेल ने 562 रजवाड़ों के विलय से अखंड भारत का निर्माण किया। वहीं, पीएम मोदी विकास के मार्ग पर श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम सौभाग्यशाली हैं कि स्वतंत्रता के दशकों बाद हमें ऐसा नेतृत्व मिला है, जिसने सरदार जयंती को मात्र परंपरागत कार्यक्रम से ऊपर उठाकर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में स्थापित किया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा से गुजरात वनवासी प्रदेश विश्व पटल पर चमका है। यह दर्शाता है कि एक ही व्यवस्था में विशिष्ट विजन से स्थिति कैसे बदली जा सकती है।"
मुख्यमंत्री ने 'भारत पर्व- 2025' की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की संस्कृति की झलक मिलेगी। प्रतिदिन शाम को डैम व्यू पॉइंट 1 पर वैली ऑफ फ्लॉवर के पास सांस्कृतिक मंच पर दो-दो राज्यों की जोड़ी में प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें उनकी अनूठी परंपराएं व कला फॉर्म्स प्रदर्शित होंगे। 45 फूड स्टॉल और एक लाइव स्टूडियो किचन में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे, जो पर्यटकों को स्वाद यात्रा पर ले जाएंगे। इसके अलावा, 55 हस्तकला एवं हथकरघा स्टॉल लगाए गए हैं, जहां स्थानीय कारीगर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकता नगर प्रकृति, प्रगति एवं सांस्कृतिक विरासत का अनूठा उदाहरण है, जो समग्र विश्व को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की झांकी दिखाता है। प्रधानमंत्री के विजन से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी व एकता नगर को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाया गया है, जहां ‘विकास भी, विरासत भी’ की संकल्पना साकार हो रही है। विशेष रूप से आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 15 नवंबर को एकता नगर में भव्य प्रस्तुति होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकता में एकता की भावना हमारे उत्सवों में भी झलकती है, गुजरात का गरबा, महाराष्ट्र का गणपति, बिहार का छठ या बंगाल का दुर्गा पूजा, ये सभी देश के हर कोने में एक साथ मनाए जाते हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से माधवपुर मेला पूर्वोत्तर व पश्चिम भारत को जोड़ने का प्रतीक बना है, जबकि सौराष्ट्र-तमिल संगम व काशी-तमिल संगम जैसे आयोजन एकता को मजबूत कर रहे हैं। राजभवनों में राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से भी यह भावना साकार हो रही है।
मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पर जोर देते हुए कहा कि सरदार पटेल के एकता के मार्ग पर चलकर स्वदेशी अपनाना आवश्यक है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र से हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण करेंगे। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने परिसर के विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया।
--आईएएनएस
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