नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। सनातन परंपरा में किसी भी काम को सफल और फलदायी बनाने के लिए शुभ-अशुभ समय को देखना जरूरी माना गया है। इसके लिए पंचांग का सहारा लिया जाता है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के आधार पर दिन शुभ है या अशुभ बताया जाता है।
पंचांग के अनुसार, अक्टूबर महीने में एक बार फिर पंचक लगने जा रहा है, जिसे अशुभ माना जाता है और इसमें कुछ कामों को करने से बचना चाहिए।
31 अक्टूबर को पंचक लग रहा है। इस बार यह चोर पंचक होगा, क्योंकि पंचक शुक्रवार से शुरू हो रहा है। पंचक पांच प्रकार के होते हैं, जिनका निर्धारण दिन के आधार पर होता है, जैसे रोग पंचक (रविवार), राज पंचक (सोमवार), अग्नि पंचक (मंगलवार), चोर पंचक (शुक्रवार) और मृत्यु पंचक (शनिवार)।
पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को पंचक सुबह 06:48 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर की दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक तब बनता है जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से गुजरता है। इस बार चंद्रमा धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र से होकर गुजरेगा।
चोर पंचक को बेहद अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं। सबसे पहले, किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत जैसे नए करियर, व्यापार या महत्वपूर्ण परियोजनाओं को टालना चाहिए। दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे विघ्न-बाधा और दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।
घर में छत डलवाना, पेंटिंग करवाना या किसी निर्माण संबंधी काम करना भी पंचक में वर्जित है। इसी तरह, चारपाई, पलंग या फर्नीचर का नया निर्माण या मरम्मत करना भी अशुभ होता है। चोर पंचक के दौरान नए कपड़े, सामान या घरेलू चीजें खरीदने से भी बचना चाहिए।
मान्यता है कि इस समय की जाने वाली नई शुरुआत या निवेश नुकसान का कारण बन सकती है। यह समय केवल सतर्कता और संयम का है। छोटे-मोटे काम जैसे घर की सफाई या नियमित दिनचर्या जारी रख सकते हैं, लेकिन बड़े निर्णय और नए कार्य टालने चाहिए।
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