नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। जापान और चीन के बीच हालात तनावपूर्ण होते हुए नजर आ रहे हैं। बीते दिन जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने चीन पर फायर रडार लॉक करने का आरोप लगाया था। हालांकि, चीन ने इन आरोपों से इनकार कर दिया। इसके ठीक एक दिन बाद टोक्यो ने चीन के राजदूत को तलब किया है।
उपविदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी ने रविवार को चीनी राजदूत वू जियांगहाओ को बुलाया और इस बात पर कड़ा एतराज जताया कि ऐसे खतरनाक काम बहुत अफसोसजनक हैं। ताकाइची ने रविवार को कहा कि जापान शांति से और मजबूत इरादे से जवाब देगा।
उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश के आस-पास के समुद्र और एयरस्पेस में चीनी सैनिकों की हरकतों पर करीब से नजर रखते हुए, हम आस-पास के समुद्र और एयरस्पेस में पूरी तरह से निगरानी और सर्विलांस की गतिविधियां सुनिश्चित करेंगे।”
दरअसल, जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने ताइवान को लेकर जो टिप्पणी की थी, उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच माहौल इतना तनावपूर्ण बना हुआ है। पीएम ताकाइची की टिप्पणी के बाद टोक्यो और बीजिंग के बीच राजनीतिक संबंध और खराब हो गए। ताकाइची ने कहा था कि चीन अगर ताइवान पर हमला करता है तो जापान दखल देगा।
बता दें, ताइवान एक छोटा सा आइलैंड है, लेकिन चीन इसपर जबरन अपने दावे करता रहता है। हालांकि, ताइवान खुद को चीन का हिस्सा नहीं मानता है। जापान के मुताबिक, शनिवार को चीन के लियाओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर से जे-15 जेट्स ने ओकिनावा के पास जापानी एयरक्राफ्ट पर दो बार रडार लॉक किया। हालांकि, इससे किसी नुकसान या हताहत की खबरें नहीं आई।
चीन की नेवी ने टोक्यो के खिलाफ लगातार कड़ा रुख अपनाया और कहा कि जापान का दावा तथ्यों से पूरी तरह मेल नहीं खाता है। चीनी नेवी ने जापान से कहा है कि वह तुरंत बीजिंग को बदनाम करना बंद करे।
इससे पहले खबर आई थी कि चीनी फाइटर्स ने ओकिनावा के पास जापानी विमानों को रडार से लॉक कर लिया, जो किसी भी सैन्य टकराव से पहले का सबसे खतरनाक कदम माना जाता है।
रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने एक्स पर पोस्ट किया था, "ये रडार इल्यूमिनेशन एयरक्राफ्ट की सुरक्षित उड़ान के लिए ठीक नहीं थे," और कहा कि जापान ने शनिवार की "अफसोसजनक" घटना पर चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है।
जापान टुडे के अनुसार, टोक्यो में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ बैठक में, कोइजुमी ने कहा कि जापान इलाके में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के बर्ताव का "दृढ़ता से" जवाब देगा।
--आईएएनएस
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