नवा रायपुर, 5 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन बुधवार को नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 साल पूरे होने के मौके पर मनाया गया, जिसमें राज्य के विकास, प्रगति और सांस्कृतिक समृद्धि की शानदार यात्रा का जश्न मनाया गया।
सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए इस ऐतिहासिक सिल्वर जुबली समारोह में छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ शामिल होकर बहुत खुशी जताई। पांच दिनों तक चले इस फेस्टिवल में लोगों ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और इसके शानदार सामाजिक-आर्थिक बदलाव की झलकियां देखीं।
उपराष्ट्रपति ने 1 नवंबर 2000 को राज्य बनाने में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदर्शी नेतृत्व को गर्व से याद किया और एक पूर्व लोकसभा सांसद के तौर पर राज्य पुनर्गठन बिल का समर्थन करने के अपने अनुभव के बारे में भी बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पिछले 25 सालों के शानदार सफर की तारीफ की, भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक होने से लेकर सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में प्रगति के मॉडल के रूप में उभरने तक।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने की सफलता की सराहना की। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ नेतृत्व के साथ-साथ राज्य सरकार, सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के समर्पित प्रयासों को श्रेय दिया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब डर और हिंसा की जगह विकास और विश्वास ने ले ली है। उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ की सफलता की नींव रखने वाले लोगों की प्रशंसा की, जिसमें किसान, आदिवासी समुदाय, उद्यमी, शिक्षक और युवा शामिल हैं।
उन्होंने राज्य की बेहतरीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली की तारीफ की, जो 72 लाख से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराती है और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को इस प्रणाली को मजबूत करने के लिए बधाई दी।
राधाकृष्णन ने आदिवासी समुदायों को राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए सम्मान दिया। उन्होंने उनकी बुद्धिमत्ता, संस्कृति और टिकाऊ जीवन शैली की सराहना की, जो आज के पर्यावरणीय और सामाजिक संदर्भ में गहरा महत्व रखती है।
उपराष्ट्रपति ने राज्य में हुए उल्लेखनीय बुनियादी ढांचागत विकास को रेखांकित किया, जिसमें दूरस्थ जिलों को राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने वाली सड़कें, रेल, एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डे शामिल हैं। उन्होंने नवा रायपुर को भारत की पहली ग्रीनफील्ड सिटी बताया, जो आईटी हब, फार्मा हब, एआई डेटा सेंटर पार्क और विश्वस्तरीय मेडिसिटी जैसे नए युग के प्रयासों से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर बनने की राह पर है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ की उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने की सराहना की, जिसमें सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिजिटल शासन सुधार शामिल हैं, जो 'अंजोर विजन 2047' के तहत आर्थिक विस्तार, मानव विकास और टिकाऊ शासन को बढ़ावा दे रहे हैं। यह सब विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उपराष्ट्रपति ने पंथी और कर्मा जैसे पारंपरिक नृत्यों और समृद्ध आदिवासी कला और शिल्प की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विविधता में एकता के भारतीय भाव की मिसाल है, जहां सांस्कृतिक संरक्षण और आधुनिकीकरण साथ-साथ चल रहे हैं। प्रगति सिर्फ जीडीपी से नहीं, बल्कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान, शासन में उनके विश्वास और हर बच्चे की आंखों में चमकती उम्मीद से मापी जाती है।
उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के युवाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), हरित प्रौद्योगिकी और वैश्विक बाजारों में उभरते अवसरों को थामने और साहस, रचनात्मकता और करुणा के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि रजत महोत्सव को सिर्फ अतीत का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य का संकल्प मानना चाहिए। विकसित छत्तीसगढ़ के माध्यम से विकसित भारत बनाने का संकल्प, लोकतंत्र को मजबूत करने, संस्कृति का सम्मान करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल कल छोड़ने का संकल्प।
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
--आईएएनएस
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