बिहार: किशनगंज में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में हो रहा विकास, लोग बोले-नीतीश सरकार बेहतर काम कर रही

बिहार: किशनगंज में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में हो रहा विकास, लोग बोले-नीतीश सरकार बेहतर काम कर रही

किशनगंज, 10 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार का सीमावर्ती जिला किशनगंज, जो लंबे समय से पिछड़ेपन और कम सुविधाओं के लिए जाना जाता रहा है, अब धीरे-धीरे स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। यहां के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में छात्रों और मरीजों की प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में प्रदेश और जिले का विकास हो रहा है। एनडीए सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है।

एमबीबीएस छात्र राजा बाबू ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अस्पताल में डॉक्टर हर समय मौजूद रहते हैं। मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। सर्जरी विभाग बहुत अच्छे से काम कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छा काम कर रहे हैं।

छात्रा खुशी कुमारी ने कहा, “कॉलेज अच्छा है, स्टूडेंट्स को सुविधाएं मिल रही हैं, और हॉस्पिटल में डॉक्टर भी बहुत अच्छे हैं। डेवलपमेंट लगातार होना चाहिए।”

वहीं, रिया दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम की सराहना करते हुए कहा, “पीएम मोदी जितना कर सकते हैं, उतना बदलाव करते हैं। बहुत लोग उनके सपोर्ट में हैं, उन्होंने जो किया है, वो अच्छा किया है।”

वहीं छात्रा रंजीता रंजन और शीलू कुमारी ने कहा कि “यहां पर सारी सुविधाएं हैं, डॉक्टर समय पर आते हैं और इलाज की व्यवस्था बहुत अच्छी है।”

इन मेडिकल छात्रों की बातें इस बात का संकेत हैं कि किशनगंज अब केवल बुनियादी सुविधाओं से संतुष्ट नहीं है, बल्कि यहां के युवा राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की भी उम्मीद कर रहे हैं।

जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने भी सरकार के काम से संतुष्‍ट नजर आए।

मरीज के भाई तौसीफ रजा ने बताया कि यहां के डॉक्टर बहुत अच्छे हैं, इलाज भी अच्छा है, सारी सुविधा है, हमें कोई परेशानी नहीं होती।”

मरीज मोहम्मद तनवीर आलम ने कहा कि सारी सुविधाएं बढ़िया हैं, इलाज अच्छे से चल रहा है।

वहीं, मरीज की पत्नी मंजर आलम ने कहा, “शहर में इलाज अच्छा है, हॉस्पिटल में सब कुछ सही है, कोई दिक्कत नहीं, लेकिन नेता लोग चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं, इसलिए जनता बदलाव चाहती है।”

किशनगंज का यह अस्पताल अब उम्मीद और सुधार की मिसाल बनता जा रहा है।

अगर प्रणाली ईमानदारी से चले, तो छोटे जिलों में भी बड़ी उम्मीदें जिंदा रह सकती हैं। इलाज सस्ता और सुलभ हुआ है, लेकिन अब लोगों की नजरें इस बात पर हैं कि यह सुधार अस्पताल की दीवारों से निकलकर राजनीति तक पहुंचे।

--आईएएनएस

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