नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत और ओमान कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) एक ऐतिहासिक कदम है और इसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले कई दशकों तक दिखाई देगा। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिया।
दोनों देशों के बीच सीईपीए समझौता होने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की पोस्ट को कोट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,"भारत-ओमान संबंधों को आगे ले जाने के लिए आज हमने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) 21वीं सदी में हमारे संबंधों (भारत-ओमान) को ऊर्जा देगा।"
उन्होंने आगे कहा कि इससे व्यापार, निवेश को नई गति मिलेगी और अलग-अलग सेक्टर में नए अवसर खुलेंगे। दोनों देशों के युवाओं को इससे बहुत फायदा होगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के नेतृत्व में, भारत और ओमान ने भारत-ओमान सीईपीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जो खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह समझौता भारत को बाजारों तक पहुंच प्रदान करता है, जिसमें ओमान की 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर जीरो-ड्यूटी की पेशकश की गई है, जो वैल्यू के हिसाब से भारत के 99.38 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है। इससे लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स को काफी फायदा होगा, रोजगार पैदा होंगे और एमएसएमई, कारीगरों और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में आगे बताया कि टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख एक्सपोर्ट सेक्टर को पूरी तरह से टैरिफ खत्म होने से फायदा होगा, जिससे भारत की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट कॉम्पिटिटिवनेस मजबूत होगी। साथ ही हमारे किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए भारत के संवेदनशील सेक्टरों को सुरक्षा दी गई है।
यह समझौता सेवाओं के व्यापार के लिए एक व्यापक और भविष्योन्मुखी ढांचा प्रदान करता है, जिसमें आईटी, व्यावसायिक और पेशेवर सेवाएं, आरएंडडी, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑडियो-विजुअल सेवाएं शामिल हैं। सीईपीए की एक मुख्य बात यह है कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले सर्विस सप्लायर्स के लिए रहने की अनुमति की अवधि को 90 दिन से बढ़ाकर दो साल कर दिया गया है और इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे दोनों देशों को फायदा होगा।
--आईएएनएस
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