नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के भारत मंडपम में दो दिवसीय आदि कर्मचारी अभियान कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदाय का समग्र विकास सुनिश्चित करना है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि सरकारी योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने शिरकत की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने और यह तभी संभव होगा जब सभी वर्गों का समान विकास हो। इसी कड़ी में आदिवासी समुदाय के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।"
केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने बताया कि इस कार्यक्रम में देशभर के हर राज्य से अधिकारियों को बुलाया गया है ताकि उनकी बातों और सुझावों को सुना जा सके।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने एक नई वेबसाइट, 'आदि कर्मयोगी,' भी लॉन्च की। इस वेबसाइट पर 45 ऐसे काम सूचीबद्ध हैं, जिनमें लोग भाग ले सकते हैं। इसका उद्देश्य आदिवासी कलाकारों, जैसे कि सिल्क कारीगरों को मंच देना और उनकी कला को सामने लाना है ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने आदि सांस्कृतिक एप के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें जनजाति समाज के गौरवशाली इतिहास, खान-पान, रहन-सहन, जीने की शैली और उनके जीवन दर्शन को दिखाया गया है। उनके जीवन से शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर उनका जो पारंपरिक ज्ञान है उसे इस एप में दिखाया गया है।
दुर्गा दास उइके ने कहा, "इस एप के माध्यम से लोगों को जनजाति समाज को समझने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही जनजाति समाज की भाषा को अनुवादित करने के लिए भी एप लॉन्च किया गया है।"
कार्यक्रम के दौरान सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं और जरूरतों पर सुझाव दिए। एक महत्वपूर्ण सुझाव छात्राओं के लिए हॉस्टल से संबंधित था। इसमें मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों की जो लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज जाती हैं, उनके लिए हॉस्टल की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि यह सुझाव आदिवासी समुदाय में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम आदिवासियों के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दुर्गा दास उइके ने आगे बताया कि जनजाति समाज के सभी अधिकारियों को बुलाया गया है, समाज के अंतिम व्यक्ति तक सभी योजनाओं को पहुंचाना हमारा प्रयास है।
--आईएएनएस
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