भुवनेश्वर, 20 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा धारकों के लिए शुल्क बढ़ाने के फैसले पर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अगस्ती बेहरा ने चिंता व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस नए नियम से देश प्रभावित नहीं होगा।
भाजपा विधायक अगस्ती बेहरा ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में शायद गिरावट की वजह से टैक्स लगाकर अपने नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह नीति अमेरिका में वरिष्ठ पदों पर आसीन भारतीय पेशेवरों पर गहरा असर डाल सकती है और उनकी नौकरियों को खतरे में डाल सकती है। बेहरा के अनुसार, कई भारतीय वैश्विक कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, जिसकी वजह से उनमें भय है।
बेहरा ने इस नीति के पीछे के तर्क पर टिप्पणी करते हुए सुझाव दिया कि अमेरिकी सरकार संभावित आर्थिक मंदी की भरपाई और घरेलू बेरोजगारी की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ईर्ष्या और अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा जैसे अंतर्निहित कारकों ने इन फैसलों को प्रभावित किया है।
बेहरा ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी नीतियां न केवल विदेशों में भारतीय पेशेवरों को प्रभावित करती हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के कुशल कार्यबल की सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव करने के लिए एक घोषणा पत्र पर साइन किए हैं। इस घोषणापत्र के अनुसार, अब प्रत्येक आवेदन के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद विदेशी कामगारों की बजाय अमेरिकी लोगों को नौकरी देना है।
नए नियम के अनुसार, एच-1बी वीजा अधिकतम छह साल के लिए ही मान्य रहेगा, चाहे नया आवेदन हो या नवीनीकरण। आदेश में कहा गया है कि इस वीजा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा था और यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।
--आईएएनएस
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