बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन, प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के साथ किया सफर

बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन, प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के साथ किया सफर

बेंगलुरु, 10 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन किया है। बेंगलुरु मेट्रो चरण-2 परियोजना के तहत आरवी रोड (रागीगुड्डा) से बोम्मासंद्रा तक येलो लाइन का निर्माण हुआ है, जिसकी लंबाई 19 किलोमीटर से अधिक है। येलो लाइन पर 16 स्टेशन हैं। येलो लाइन खुलने से बेंगलुरु में मेट्रो का परिचालन नेटवर्क 96 किलोमीटर से अधिक हो गया है। येलो लाइन पर लगभग 7160 करोड़ रुपए की लागत आई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने येलो लाइन के उद्घाटन के बाद मेट्रो में सफर भी किया है। उन्होंने मेट्रो में सवार छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उनके साथ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के अलावा केंद्रीय मनोहर लाल भी मौजूद रहे।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु रेलवे स्टेशन से अजनी (नागपुर)-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही, उन्होंने केएसआर बेंगलुरु-बेलगावी और वैष्णोदेवी कटरा-अमृतसर वंदे भारत ट्रेनों का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। वहीं, नागपुर रेलवे स्टेशन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे।

महाराष्ट्र को अजनी (नागपुर) से पुणे के रूप में 12वीं वंदे भारत ट्रेन मिली है। वर्धा से मनमाड़ के बीच वंदे भारत सेवा से अब तक वंचित रहे क्षेत्र को यह पहली वंदे भारत सेवा मिली है। अजनी (नागपुर)-पुणे वंदे भारत सेवा दो तेजी से विकसित हो रहे महानगरों के बीच व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और रोजगार के लिए यात्रा को बड़ा प्रोत्साहन देगी। व्यापारी, छात्र, कर्मचारी और पर्यटक सभी को इसका लाभ होगा।

अजनी (नागपुर)-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस 881 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली देश की सबसे लंबी दूरी की वंदे भारत होगी। यह महाराष्ट्र की 12वीं वंदे भारत है और वर्धा, अकोला, शेगांव-भुसावल, जळगांव, मनमाड़, पुनतांबा-दौंड कॉर्ड लाइन मार्ग को पहली बार कवर करेगी।

नागपुर शहर को 'ऑरेंज सिटी' के रूप में पहचाना जाता है। इसके अलावा नागपुर 'हेल्थकेयर सिटी' के रूप में भी मध्य भारत में प्रसिद्ध है। यह महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी भी है। नागपुर का भारत रत्न बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन से गहरा संबंध है। दीक्षाभूमि में बाबासाहेब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। रामटेक का प्राचीन श्रीराम मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल यहां स्थित हैं। एम्स जैसी कई नामी चिकित्सा संस्थाएं विदर्भ के मरीजों को सेवा देती हैं। नागपुर को 'टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है, क्योंकि इसके आसपास कई वन्यजीव अभयारण्य हैं।

पुणे को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है, जिसका समृद्ध इतिहास है और यह महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ है। यहां लाल महल (निवासस्थान), शिवनेरी किला (जन्मस्थान) और अन्य ऐतिहासिक किले हैं। शनिवारवाड़ा, प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति मंदिर, आलंदी और जेजुरी जैसे तीर्थस्थल पुणे की पहचान हैं। पुणे अपनी नामी शैक्षणिक संस्थाओं के लिए भी प्रसिद्ध है।

गाड़ी संख्या 26101 पुणे-अजनी (नागपुर) वंदे भारत एक्सप्रेस 11 अगस्त से सप्ताह में 6 दिन (मंगलवार को छोड़कर) सुबह 06:25 बजे पुणे से रवाना होकर शाम 18:25 बजे अजनी पहुंचेगी। गाड़ी संख्या 26102 अजनी-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस 12 अगस्त से सप्ताह में 6 दिन (सोमवार को छोड़कर) सुबह 09:50 बजे अजनी से रवाना होकर रात 21:50 बजे पुणे पहुंचेगी। इसमें कुल 8 कोच होंगे (1 एग्जीक्यूटिव चेयर कार और 7 चेयर कार कोच)। एक बार में 590 यात्री यात्रा कर सकेंगे।

'मेक इन इंडिया' पहल का प्रतीक यह ट्रेन आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

--आईएएनएस

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