बेलसंड विधानसभा राजद-जदयू के लिए नाक की लड़ाई का बनेगी केंद्र

बेलसंड विधानसभा राजद-जदयू के लिए नाक की लड़ाई का बनेगी केंद्र

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के बीच महामुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। बेलसंड विधानसभा सीट, जो बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित है, बिहार विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र के रूप में उभर रही है।

यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच कांटे की टक्कर का गवाह रही है और आगामी चुनाव में भी यह नाक की लड़ाई का केंद्र बन सकती है।

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने इस सीट पर कब्जा कर लिया।

बेलसंड विधानसभा सीतामढ़ी जिले में स्थित है। यह ग्रामीण क्षेत्रों का मिश्रण है, जिसमें बेलसंड, परसौनी और तरियानी चौक जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इस सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संजय कुमार गुप्ता ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की सुनिता सिंह चौहान को 13 हजार से अधिक वोटो से हराया था। वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में सुनीता सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी। इस विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन थाम राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने राजद का दामन छोड़ एनडीए के साथ जाकर चुनाव लड़ा, लेकिन इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

इस विधानसभा सीट पर जहां राजद का मजबूत आधार रहा है, लेकिन जदयू और भाजपा का प्रभाव भी कम नहीं है।

इस चुनाव में बाढ़, बेरोजगारी और सड़कों की स्थिति चुनावी मुद्दे बन सकते हैं।

बेलसंड विधानसभा एक ग्रामीण क्षेत्र है, और यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हैं। प्रमुख फसलें धान, गेहूं, मक्का और दालें हैं। क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहरें और नलकूप उपयोग किए जाते हैं, लेकिन बाढ़ और अपर्याप्त सिंचाई सुविधाएं उत्पादन को प्रभावित करती हैं।

रोजगार चलाने के लिए यहां पर लोग गाय, भैंस और बकरी पालन का कार्य करते हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री भी आम है। इसके अलावा यहां से लोग रोजगार के लिए पलायन भी कर रहे हैं, कई लोग दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए शहरों का रुख कर चुके हैं।

वर्तमान में यह विधानसभा क्षेत्र कई समस्याओं से जूझ रहा है, जो स्थानीय लोगों के जीवन यापन को प्रभावित करती हैं। ये समस्याएं न केवल दैनिक जीवन को कठिन बनाती हैं, बल्कि आगामी चुनावों में भी प्रमुख मुद्दे बन सकती हैं।

बेलसंड में कोसी नदी के प्रभाव के कारण, हर साल बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है। बाढ़ से फसलों को नुकसान होता है। क्षेत्र में सड़कों की स्थिति जर्जर है, जिससे आवागमन में कठिनाई होती है। खासकर बरसात के मौसम में ग्रामीण सड़कें कीचड़मय हो जाती हैं।

यहां पर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन डॉक्टरों और चिकित्सा उपकरणों की कमी एक बड़ी समस्या है। गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को मुजफ्फरपुर या पटना जाना पड़ता है। यहां स्कूल तो हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी है और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

इस विधानसभा में कुल जनसंख्या 466187 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 245142 और महिलाओं की संख्या 221045 है। चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार, एक जनवरी 2024 के तहत यहां पर कुल मतदाता 279742 हैं। पुरुष मतदाता 147917, महिला मतदाता 131824 और यहां पर महज एक थर्ड जेंडर वोटर है।

--आईएएनएस

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