खगड़िया, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के खगड़िया जिले का बेलदौर विधानसभा क्षेत्र, गंगा और कोसी नदियों के मैदानों में बसा, अपनी सपाट भौगोलिक और राजनीतिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है। 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए इस क्षेत्र ने तीन विधानसभा चुनावों (2010, 2015, और 2020) में जनता दल (यूनाइटेड) को लगातार समर्थन दिया है।
बेलदौर, चौथम, और गोगरी ब्लॉक की 10 ग्राम पंचायतों को मिलाकर बना यह क्षेत्र खगड़िया लोकसभा का हिस्सा है। इसका प्रमुख आर्थिक केंद्र गोड़गाई जमालपुर है, जो बेलदौर से 25 किमी दूर है। जिला मुख्यालय खगड़िया 50 किमी, बेगूसराय 70 किमी, सहरसा 55 किमी, भागलपुर 85 किमी और पटना 180 किमी की दूरी पर हैं।
कोसी नदी इस क्षेत्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करती है। बेलदौर सामान्य निर्वाचन क्षेत्र है और गैर-आरक्षित है। 2008 से अब तक जदयू ने यहां अपनी पकड़ बनाए रखी है, जिसमें पन्ना लाल सिंह पटेल का योगदान अहम रहा है। पटेल 2000 में चौथम से और 2010, 2015, और 2020 में बेलदौर से विधायक चुने गए। हालांकि, उनकी जीत का अंतर घटता गया। उन्होंने 2010 में 15,738, 2015 में 13,525, और 2020 में 5,108 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
2020 में कम अंतर के लिए कुछ लोग लोक जनशक्ति पार्टी को जिम्मेदार मानते हैं, जिसने जेडीयू के वोट बैंक को प्रभावित किया। लेकिन, लोजपा पहले भी 2010 और 2015 में दूसरा स्थान हासिल कर चुकी थी। अब चिराग पासवान की लोजपा (आर) एनडीए का हिस्सा है, जिससे जेडीयू को राहत मिली है। 2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने खगड़िया सीट जीती, जिसमें बेलदौर में 47,288 वोटों की बढ़त मिली।
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बेलदौर विधानसभा की कुल आबादी 5,46,574 है, जिसमें 2,82,397 पुरुष और 2,64,177 महिलाएं हैं। वहीं, कुल मतदाता 3,20,807 हैं, जिनमें 1,68,438 पुरुष, 1,52,358 महिलाएं, और 11 थर्ड जेंडर शामिल हैं। यहां पर 2010 में 56.61 प्रतिशत, 2015 में 59.29 प्रतिशत, और 2020 में 57.76 प्रतिशत मतदान हुआ।
2025 के चुनाव में एनडीए की एकजुटता साफ दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बेलदौर में जीत के लिए बड़ा उलटफेर करना होगा। स्थानीय मुद्दों, जैसे बाढ़ और कृषि, के साथ-साथ विपक्ष की रणनीति इस चुनाव को रोचक बना सकती है।
--आईएएनएस
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