बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने विश्व महासागर दिवस को आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता के साथ मनाया

बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने विश्व महासागर दिवस को आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता के साथ मनाया

मुंबई, 9 जून (आईएएनएस)। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था, जो अपनी आध्यात्मिक मूल्यों और निस्वार्थ सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, ने मुंबई के जुहू बीच पर भक्ति, पर्यावरणीय क्रियाओं और जन-जागरूकता के एक गहरे सम्मेलन के साथ विश्व महासागर दिवस मनाया।

पवित्र तट: जहां भक्ति कर्तव्य से मिलती है

1992 से, विश्व महासागर दिवस यह दर्शाता आ रहा है कि महासागर जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। सनातन धर्म में महासागर को पवित्रता, गहराई और दिव्य संतुलन का प्रतीक मानते हुए एक दिव्य सत्ता के रूप में पूजा जाता है। आज सुबह, बीएपीएस के युवा स्वयंसेवकों ने हिंद महासागर के तट पर एकत्र होकर, वैश्विक शांति, पारिस्थितिक संतुलन और सभी जीवों की भलाई के लिए प्रार्थनाएं कीं।

उनकी भक्ति भरी उपस्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि बीएपीएस के लिए आध्यात्मिकता और सेवा अलग नहीं, बल्कि एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं।

महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा: सेवा और संरक्षण का आह्वान

महंत स्वामी महाराज की आध्यात्मिक अगुवाई में, बीएपीएस संस्था आंतरिक परिवर्तन और सामाजिक कल्याण दोनों को लेकर सतत प्रयासरत है। पर्यावरणीय अभियानों, मानवीय सेवा और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बीएपीएस एक सहानुभूतिपूर्ण और टिकाऊ भविष्य की संस्कृति का निर्माण कर रहा है।

सेवा में समर्पण: जुहू बीच की सफाई

प्रार्थना के पश्चात, बीएपीएस के स्वयंसेवकों ने एक व्यापक सफाई अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने जुहू बीच से प्लास्टिक, अपघटनीय कचरा और मलबा हटाया। उनकी अनुशासित और अथक मेहनत उनके पर्यावरण संरक्षण के प्रति आंतरिक समर्पण को दर्शाती है।

स्वयंसेवकों ने बीच पर आए लोगों से संवाद कर समुद्री प्रदूषण, कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय जागरूकता पर चर्चा की। यह केवल जानकारी साझा करना नहीं था, बल्कि लोगों को प्रेरित करना था कि वे भी पर्यावरण के संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाएं।

भक्ति से प्रेरित भविष्य की नींव

कार्यक्रम का समापन महासागरों की रक्षा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ। यह पहल बीएपीएस की इस मान्यता का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि सच्ची भक्ति सेवा के माध्यम से व्यक्त होती है और ईश्वर की भक्ति में उसकी सृष्टि की सेवा भी शामिल है।

बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था अपनी वैश्विक सेवाओं के माध्यम से आध्यात्मिक नेतृत्व, नागरिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय संरक्षण की प्रेरणा देती रहेगी।

--आईएएनएस

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