बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है : पूर्व राजनयिक केपी फेबिन

बांग्लादेश भारत के साथ तनाव करने के बजाय बढ़ाने के लिए कर रहा काम: पूर्व राजनयिक केपी फेबिन

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता की स्थिति का असर भारत के साथ इसके संबंधों पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। यहां गुजरते दिनों के साथ हालात और खराब हो रहे हैं। शेख हसीना की सरकार गिराए जाने के बाद से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं। इस स्थिति को लेकर भारत के पूर्व राजनयिक केपी फेबियन ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत की।

पूर्व राजनयिक केपी फेबियन ने कहा, "बदकिस्मती से बांग्लादेश में अफरा-तफरी और अराजकता फैल रही है। दूसरी तरफ, भारत के साथ रिश्ते बिगड़ रहे हैं। कुछ दिन पहले, शायद 20 दिसंबर को, बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने एक प्रदर्शन हुआ था और दिल्ली पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया था और हाई कमीशन को कोई खतरा नहीं था। लेकिन, उन्होंने भारतीय हाई कमिश्नर को बुलाया और विरोध दर्ज कराया।"

उन्होंने कहा, "अब सही बात यह होती कि भारतीय हाई कमिश्नर को बुलाना सही बात है। भारतीय हाई कमिश्नर से कहा जाता, 'हम दिल्ली पुलिस के एक्शन की तारीफ करते हैं और हम अपने मिशन को लगातार सुरक्षा देने के लिए आप पर भरोसा करते हैं,' लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने विरोध किया। फिर बाद में, बांग्लादेश में वीजा जारी करने वाले भारतीय मिशन को खतरा हुआ और भारत ने वीजा जारी करना रोक दिया। फिर बांग्लादेश हाई कमीशन ने भी कहा कि वे इसे रोक देंगे। इसका मतलब है कि वे टकराव चाहते हैं।"

फेबियन ने कहा, "बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने कलकत्ता, जम्मू और कश्मीर, बैंगलुरू और ऐसी ही जगहों पर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जो हिंसक हो सकता था। राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस ने हाई कमीशन या डिप्लोमैट्स, अधिकारियों को कोई नुकसान न हो, इसके लिए कार्रवाई की। अब, बांग्लादेश में विदेश सचिव का कहना है कि वे भारत में अपने मिशन को घटाने की सोच रहे हैं। अब, अगर वे भारत में मिशन को घटाते हैं, तो भारत भी बांग्लादेश में अपने मिशन घटा सकता है। इसका मतलब यह है कि, समस्या को सुलझाने का तरीका अपनाने के बजाय, बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है, जो बहुत दुख की बात है।"

उन्होंने कहा कि मेरा कहना यह है कि भारत, एक बड़ा देश होने के नाते, संबंध सुधारने के लिए किस हद तक पहल कर रहा है? हम कूटनीतिक तरीके से क्या कर रहे हैं? मैं यह सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि मैंने पढ़ा कि यूनुस, अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल पुरस्कार विजेता, ने भारत में नियुक्त अमेरिकी राजदूत के साथ लंबी बातचीत की। बेशक, उनकी जिम्मेदारी भारत से ज्यादा बड़ी है। सवाल यह भी है कि हमारा हाई कमीशन क्या कर रहा है? क्या वह अंतरिम सरकार के संपर्क में है?

पूर्व राजनयिक ने कहा, "मैंने कहीं पर पढ़ा कि चीनी राजदूत ढाका यूनिवर्सिटी गए थे, जहां हादी को दफन किया गया। उन्होंने एक इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए फंड ऑफर किया था। हमें यह समझना होगा कि पाकिस्तान और चीन, शायद मिलीभगत से, भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्ते खराब करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं और हमें तुरंत एक्शन लेना होगा।"

उन्होंने कहा कि महीनों पहले, जब शेख हसीना को यहां शरण दी गई थी, तो मैंने कहा था कि हालात और खराब हो सकते हैं, क्योंकि हम उन्हें शरण दे रहे हैं, और अब वह बयान दे रही हैं। जरूरी यह है कि भारत बांग्लादेश को सुझाव देने की कूटनीतिक पहल करे।

--आईएएनएस

केके/एबीएम