रांची, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जन्मदिन आमतौर पर खुशियों, शुभकामनाओं और उत्सव का मौका होता है, लेकिन रविवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने 50वें जन्मदिन पर स्मृतियों और भावनाओं में डूब गए।
4 अगस्त को उनके पिता और झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन का निधन हुआ था। हेमंत सोरेन संथाल आदिवासी परंपरा के अनुसार, उनके श्राद्ध के रस्म-रिवाज निभाने में जुटे हैं।
इस बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबे पोस्ट में पिता को शिद्दत से याद किया। हेमंत सोरेन दिवंगत शिबू सोरेन और रूपी सोरेन की तीसरी संतान हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 1975 को पैतृक गांव रामगढ़ जिले के नेमरा में हुआ था।
हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''आज बाबा बहुत याद आ रहे हैं, मुझे जीवन देने वाले मेरे जीवनदाता, मेरी जड़ों से जुड़ी पहचान, वही मेरे साथ नहीं हैं। यह कष्टकारी क्षण है।''
पोस्ट में हेमंत ने अपने पिता को जीवन के शिक्षक, संघर्ष के साथी और प्रेरणास्रोत के रूप में भी चित्रित किया।
मुख्यमंत्री ने लिखा, ''बाबा के आदर्श, विचार और शिक्षाएं मेरे लिए केवल पुत्र धर्म नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व हैं। मैंने उनसे सीखा कि नेतृत्व का अर्थ शासन करना नहीं, बल्कि सेवा करना है। आज जब मैं अपने राज्य की जिम्मेदारी उठाता हूं, तो उनकी बातें, उनकी आंखों का विश्वास, लोगों की पीड़ा हरने का उनका संकल्प मुझे हर निर्णय में मार्गदर्शन देता है।''
हेमंत ने अपने पिता को प्रकृति का अंश बताते हुए लिखा कि वे अब सूरज की रोशनी, पेड़ों की छाया, बहती हवा, नदियों की धार और अग्नि की लौ में हैं, वह लौ, जिसने उन्हें सत्य, संघर्ष और निडर होकर जन-जन की सेवा करने का साहस दिया।
पोस्ट के अंत में हेमंत ने पिता के प्रति गर्व और आभार व्यक्त करते हुए लिखा, ''बाबा, मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं, मुझे मान है कि मैं वीर योद्धा दिशोम गुरुजी का अंश हूं। वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें। जय झारखंड।”
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