नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। जून में हुए भीषण विमान हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जवाब तलब किया है। यह नोटिस दिवंगत पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता पुष्करराज सभरवाल की याचिका पर शुक्रवार को जारी किया गया।
याचिकाकर्ता ने किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में इस हादसे की निष्पक्ष, पारदर्शी और नई जांच की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि एयर इंडिया के इस विमान हादसे की प्रारंभिक जांच निष्पक्ष नहीं रही। तकनीकी खामियों और संभावित यांत्रिक खराबियों को नजरअंदाज करते हुए सारा दोष पायलटों पर मढ़ने की कोशिश की गई है, जबकि वे अब अपना बचाव भी नहीं कर सकते।
पिता का कहना है कि हादसे का कारण इलेक्ट्रिकल या डिजिटल खराबी थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे उनके बेटे की आत्महत्या या लापरवाही के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह हादसा अत्यंत दुखद है और अदालत इस मामले की गंभीरता को समझती है। उन्होंने मृतक पायलट के पिता से कहा कि आपको यह बोझ नहीं उठाना चाहिए कि आपके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है। कोई भी उन्हें किसी बात के लिए दोष नहीं दे सकता।
अदालत ने कहा कि हादसे की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई, लेकिन उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। विमान का मलबा एक मेडिकल कॉलेज की इमारत पर गिरा, जिससे वहां भी काफी नुकसान हुआ। इस विमान हादसे में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जिसमें यात्री, केबिन क्रू और कई अन्य लोग शामिल थे।
--आईएएनएस
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