भोपाल, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। इस दो साल में प्रदेश सरकार ने कई उपलब्धियों को अपने नाम किया है। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से विशेष साक्षात्कार के दौरान कई अहम सवालों का बड़ी सहजता से जवाब दिया। प्रस्तुत हैं उनके प्रमुख अंश।
सवाल: मध्य प्रदेश सरकार में आपके दो साल पूरे हो गए। आपके नेतृत्व में ग्लोबल इनवेस्टर समिट का बड़ा आयोजन हुआ। इस आयोजन की चर्चा विदेशों तक हुई। देश के प्रधानमंत्री समेत कई बड़े उद्योगपति इसमें शामिल हुए। इस आयोजन में आपका बड़ा योगदान था। इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: इस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। आठ लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव जमीन पर उतरे और गृह मंत्री को आमंत्रित किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के समापन के अवसर पर एक दिन में दो लाख करोड़ रुपए के हमारे निवेश के प्रस्तावों के आधार पर भूमि पूजन और लोकार्पण में शामिल होंगे। इतना बड़ा निवेश किसी भी राज्य में आज तक नहीं किया गया है। 6 लाख करोड़ रुपए के काम शुरू हो चुके हैं। दो साल में आठ लाख करोड़ के कार्यों को जमीन पर उतरना आश्चर्य और असंभव जैसी बात है।
सवाल: युवाओं को रोजगार देना आपकी प्राथमिकता है। इसमें कितने लाख युवाओं को रोजगार दिया गया?
जवाब: देखिए, अभी तक 60 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी पदों पर नियुक्तियां दे दी गई हैं। मानकर चलिए कि इंडस्ट्री के आधार पर दो लाख से ज्यादा लोगों को हमने काम पर लगाया है।
सवाल: आपके सिर पर एक और सेहरा सजता है। हालांकि, यह केंद्र सरकार की 2026 तक टैग लाइन थी कि पूरा देश नक्सलवाद से मुक्त होगा। समय से पहले ही इस उपलब्धि को आपकी सरकार ने हासिल कर लिया है और जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनको सही दिशा देने के लिए सरकार की क्या पॉलिसी है?
जवाब: हम प्रतिबद्ध हैं कि पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सलियों ने सरेंडर किया है, तो हम उनका पुनर्वास कराएंगे। शासन की सभी योजनाओं के लाभ जरूर मिलेंगे, लेकिन जिन्होंने आत्मसमर्पण के बजाए संघर्ष का रास्ता अपनाया, उनके साथ उसी तरह से निपटने का ट्रैक रिकॉर्ड है। एक साल में 10 से ज्यादा नक्सलियों को हमने मार गिराया है। हम राज्य के अंदर किसी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं, और हम सभी प्रकार की अनुकूलता प्रदान करेंगे।
सवाल: कुंभ और सिंहस्थ को लेकर बड़ी योजना आपने बनाई है। इसके बारे में क्या कहेंगे?
जवाब: कुंभ देश का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा मेला है। यह दुनिया के लिए आदर्श उदाहरण बने, हम इसके लिए काम कर रहे हैं। दुनिया का सबसे अच्छा मेला, बाद में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाला भी सिद्ध हो, इस पर हम काम कर रहे हैं।
सवाल: आपके जीवन में दो शब्द 'सादगी' और 'सनातन' बड़े अनुकूल साबित हुए हैं। सादगी ऐसी कि आपने अपने बेटे की शादी इस तरह से की कि यह समाज ही नहीं पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश गया। सनातन की बात करें तो गीता महापर्व मनाया गया और इंदौर में गीता भवन का लोकार्पण भी किया है। इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: देखिए, सनातन संस्कृति की बहुत सारी विशेषताएं हैं। मुझे गर्व है कि मैं सनातनी हूं। हमारा सनातन किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ता, वह संस्कार से जोड़ता है। ऐसे में हमारी सारी मान्यताओं वाले तीर्थों से लेकर धार्मिक पर्यटन की सुविधाएं बढ़ाना प्राथमिकताओं में रहा है। उज्जैन के बाबा महाकाल के महालोक की कल्पना करें, जहां एक समय में 30 से 35 लाख लोग पूरे वर्ष में आते थे, जबकि आज 7 करोड़ लोग पिछले साल आए हैं। इससे बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा। राज्य के भीतर आय का स्रोत बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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