तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजी त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद, पीएम मोदी को स्पीच के बीच में 23 बार रुकना पड़ा

तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजी त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद, पीएम मोदी को स्पीच के बीच में 23 बार रुकना पड़ा

पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उनके भाषण के दौरान पूरी संसद तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर लगातार तालियां बजाईं। सांसदों ने 28 बार तालियां बजाईं, जिससे 23 बार पीएम मोदी को भाषण के बीच में रुकना पड़ा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, "मैं इस प्रतिष्ठित रेड हाउस में आपसे बात करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इस ऐतिहासिक लाल इमारत ने स्वतंत्रता और सम्मान के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के संघर्ष और बलिदान को देखा है।"

उन्होंने कहा कि हमारे दोनों राष्ट्र औपनिवेशिक शासन से उभरे और साहस को अपनी स्याही एवं लोकतंत्र को अपनी कलम के रूप में इस्तेमाल करते हुए अपनी कहानियां लिखीं। आज दोनों देश आधुनिक दुनिया में गौरवशाली लोकतंत्र और शक्ति के स्तंभ के रूप में खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं है, हमारे लिए यह जीवन जीने का एक तरीका है। हमारी हजारों साल की महान विरासत है। आपकी संसद में भी कुछ ऐसे सदस्य हैं, जिनके पूर्वज भारत के बिहार राज्य से आए थे।

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत में वीमिन लेड डेवलपमेंट का एक नया मॉडल विकसित कर रहे हैं। अपनी जी20 की अध्यक्षता के दौरान भी इस मॉडल की सफलता को हमने पूरी दुनिया के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से लेकर खेल तक, स्टार्टअप से लेकर विज्ञान तक, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, विमानन से लेकर सशस्त्र बलों तक, वे विभिन्न क्षेत्रों में भारत को एक नए भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। आपकी तरह एक महिला साधारण पृष्ठभूमि से उठकर हमारी राष्ट्रपति बनी। दो साल पहले भारतीय संसद ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा, "आज सुबह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने मुझे देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' से सम्मानित किया। मैं इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने विकास को दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में देखता है। इसी भावना के साथ हम त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। हमारा व्यापार बढ़ता रहेगा। हम व्यवसायों को इस देश में और अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हमारी विकास साझेदारी का विस्तार होगा।

--आईएएनएस

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