नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। शुक्रवार, 15 अगस्त को दृक पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। यह योग धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेष रूप से माता लक्ष्मी की आराधना और सुख-समृद्धि की कामना के लिए यह दिन और महत्वपूर्ण है।
दृक पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। नक्षत्रों में अश्विनी सुबह 7 बजकर 36 मिनट तक रहेगा, फिर भरणी नक्षत्र शुरू होगा। चंद्रमा मेष राशि में संचार करेगा। सूर्योदय सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 7 बजे होगा। वहीं, राहुकाल सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
खास बात यह है कि शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। यह अति उत्तम योग माना जाता है। इसमें किए गए सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन माता लक्ष्मी, जिन्हें विष्णुप्रिया के रूप में पूजा जाता है, की आराधना विशेष फलदायी होती है। माता लक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं।
धर्मशास्त्रों में माता लक्ष्मी के पूजन और आराधना के बारे में जानकारी मिलती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल में गंगाजल का छिड़काव करें और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें। दीप प्रज्वलित करें और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग अर्पित करें। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘श्री सूक्त’, 'कनक धारा' का पाठ करें और ‘ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जप करें। विष्णुप्रियाय नमः का भी जप करना फलदायी होता है।
पूजा के अंत में कमल के फूल पत्र अर्पित करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। प्रसाद के रूप में मिश्री, खीर और बर्फी भी बांटें। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है, इसलिए गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करें।
ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इसमें की गई पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है, बल्कि पारिवारिक सुख और शांति भी प्रदान करती है। यह दिन नए कार्य शुरू करने और निवेश के लिए भी शुभ माना जाता है। माता लक्ष्मी की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
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