नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। छोटा बाजरा एक ऐसा अनाज है जो देश के ग्रामीण इलाकों में सदियों से खाया जा रहा है। इसे लिटिल मिलेट भी कहते हैं और ये एक सुपरफूड है। यह छोटा अनाज पोषण के मामले में बड़े-बड़े अनाजों को मात देता है।
छोटा बाजरा पोषण से भरपूर अनाज है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, विटामिन-बी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह कुपोषण दूर करता है, हड्डियां मजबूत बनाता है, पाचन ठीक करता है, खून बढ़ाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय छोटा बाजरा को सुपरफूड की संज्ञा देता है, जो एक छोटा अनाज है जो पावरफुल बायोएक्टिव कंपाउंड से भरा होता है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, वली और अयम बीमारियों में मदद करता है, डायरिया से राहत देता है, और ताकत बढ़ाता है।
पारम्परिक आयुर्वेदिक-सिद्ध साहित्य के अनुसार छोटा बाजरा गैलिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड, फेरुलिक एसिड और पी-कौमरिक एसिड जैसे उच्च मात्रा में बायोएक्टिव कंपाउंड्स से भरपूर होता है। ये कंपाउंड्स शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटा बाजरा को अपने खाने की थाली में शामिल करने या नियमित सेवन से मेटाबॉलिज्म) को बढ़ावा मिलता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। सिद्ध ग्रंथों और कुछ रिसर्च में इसे वात (वली) और कफ (अय्यम) संबंधी रोगों में लाभकारी बताया गया है। पाचन से जुड़ी पेट की समस्या में यह तुरंत राहत पहुंचाता है और कमजोरी दूर कर शारीरिक शक्ति और स्टैमिना बढ़ाता है।
डायबिटीज, मोटापा और पाचन संबंधी समस्याएं आज के समय में आम हैं, ऐसे में राहत के लिए छोटा बाजरा एक आसान और सस्ता विकल्प है। इसे खिचड़ी, रोटी, या उपमा के रूप में रोजाना लिया जा सकता है।
--आईएएनएस
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