इंडिया गठबंधन नेतृत्वविहीन, राहुल की यात्रा दिखावा: जदयू महासचिव मनीष वर्मा (आईएएनएस साक्षात्कार)

इंडिया गठबंधन नेतृत्वविहीन, राहुल की यात्रा दिखावा: जदयू महासचिव मनीष वर्मा (आईएएनएस साक्षात्कार)

पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों का पारा हाई हो गया है। इस बीच जदयू के महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने आईएएनएस से खास बातचीत की, जिसमें सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत के चुनाव लड़ने से लेकर इंडिया ब्लॉक द्वारा बिहार में चलाए जा रहे 'वोटर अधिकार यात्रा' तक उठ रहे सवालों के जवाब जाने गए।

सवाल :- राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा पर क्या कहेंगे? क्या असर है इसका?

जवाब :- यह बहाना है। वह पहले भी देश में कई यात्राएं निकाल चुके हैं, तो एक वोट अधिकार यात्रा का बहाना लेकर यात्रा कर रहे हैं। फील्ड में एसआईआर कोई मुद्दा है ही नहीं है। बिहार में 65 लाख वैसे मतदाताओं के नाम कटे हैं, जो मृत हो चुके हैं या अवैध हैं। इस यात्रा में सबसे बुरी बात यह लगी है कि इस यात्रा में पार्टी के लोग राहुल गांधी को जन नायक बता रहे हैं। मैं समस्तीपुर गया था, लोगों से मिला, और लोगों में बड़ा आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि बिहार में जन नायक की पदवी कर्पूरी ठाकुर को दी गई है और यह पद जनता ने दिया है। उनकी पदवी को राहुल गांधी छीनने चले हैं। आप कर्पूरी ठाकुर को सम्मान नहीं दे सकते, अति पिछड़ों को सम्मान नहीं दे सकते, और कर्पूरी ठाकुर का सम्मान छीनने चले हैं।

सवाल :- बिहारी के खिलाफ बयान देने वाले एस रेड्डी और एमके स्टालिन जैसे नेता भी वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी के साथ घूम रहे हैं।

जवाब :- ये लोग संविधान के खिलाफ काम करने वाले लोग हैं। बाबा साहब ने संविधान में देश के किसी कोने में रहने का और काम करने का अधिकार दिया है और ऐसे लोग बिहारी के बारे में ऐसे बयान दे रहे हैं। जनता को देखना है कि इसका जवाब चुनाव में वह कैसे देगी। जनता ये सारी चीजें देख रही है। इसका माकूल जवाब वो चुनाव में देगी।

सवाल :-आखिर राहुल गांधी मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी के नाम का ऐलान क्यों नहीं कर रहे? क्या भीतर ही भीतर दो फाड़ है?

जवाब :- तेजस्वी यादव को महागठबंधन का एक धरा नेता नहीं मान रहा। लोग स्वाभाविक रूप से तेजस्वी यादव को नेता नहीं मानते। मुझे लगता है कि कांग्रेस उनका नेता घोषित करने से बच रही है। यह एक नेतृत्व विहीन गठबंधन चुनाव में जा रहा है।

सवाल :- तेजप्रताप यादव के बारे में आपकी क्या राय है? तेजस्वी ने उन्हें बाहर कर दिया है। क्या भाइयों में बन नहीं रही है? क्या तेज प्रताप के लिए जदयू के दरवाजे खुले हैं?

जवाब :- यह उनके घर का मामला है। मैंने जो नेतृत्व क्षमता की बात कही वह तो घर से ही शुरू होती है। घर में ही फ्रैक्शन है। सभी को टिकट बांटने का अधिकार चाहिए। जब आप भाई को साथ लेकर नहीं चल सकते, तो बिहार को साथ लेकर क्या चलेंगे? बाकी चीज भविष्य में तय होगी। हमारे गठबंधन में पांच दल हैं और हमको लगता है वह सफिशिएंट है।

सवाल :- क्या निशांत कुमार चुनाव लड़ेंगे? क्या वे जदयू की कमान संभालेंगे?

जवाब :- निशांत एक पढ़े-लिखे युवा हैं, समझदार व्यक्ति हैं, और जिस परिवार में वे रहते हैं, उसका राजनीति का व्यापक अनुभव भी है। इतने दिनों से वह राजनीति को पास से देखते आ रहे हैं। मुझे लगता है कि निशांत के विचार उनके पिताजी के विचारों से प्रभावित होंगे। उनका राजनीति में आना उनके जैसे पढ़े-लिखे युवा अगर राजनीति में आते हैं, तो बहुत ही अच्छा है। बिहार की राजनीति के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन वह कब आएंगे, कैसे आएंगे, इस बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। निशांत कुमार खुद निर्णय ले सकते हैं कि उनको राजनीति में कब आना है।

सवाल :- नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी पार्टी से होगा या परिवार से?

जवाब :- लोकतंत्र में जनता डिसाइड करती है कि कौन उनका नेता होगा। यहां वारिस की बात नहीं है, यहां लोकतंत्र है।

सवाल :- प्रशांत किशोर क्या जेडीयू के लिए चैलेंज हैं? वे कह रहे हैं कि शराबबंदी एक घंटे में खत्म कर देंगे। ऐसा क्यों है?

जवाब :- मैं उनको कोई चुनौती नहीं मानता। वह राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। वे एक रणनीतिकार हैं। हाल फिलहाल में वह खुद को ऐसा बता रहे हैं जैसे पूरे विश्व का ज्ञान उनमें समाहित है। उनके पास कोई विचारधारा नहीं है। वह विश्वसनीय व्यक्ति नहीं है। जो व्यक्ति गांधी की तस्वीर को लगाकर शराबबंदी खत्म करने की बात करे उसे आप क्या कहेंगे? इस तरह करके आप क्या मैसेज देना चाहते हैं? गांधी जी, जो हमेशा से शराब के खिलाफ रहे हैं, उनको आप बदनाम करना चाहते हैं।

सवाल :- चिराग कानून व्यवस्था की बात उठाते हैं। क्या लगता है कि वह तेजस्वी के करीब जा रहे हैं?

जवाब :- चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री पर आस्था व्यक्त की है। राजनीति में कुछ स्टेटमेंट देते हैं। इस स्टेटमेंट के आधार पर कुछ नहीं निकलना चाहिए। ग्राउंड पर पांचों पार्टियों के कार्यकर्ता एक साथ काम कर रहे हैं। ऐसे स्टेटमेंट का विशेष महत्व नहीं निकलना चाहिए।

--आईएएनएस

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