आधुनिक हथियार व रिमोट कंट्रोल गन से लैस तटरक्षक बल का स्वदेशी पोत

आधुनिक हथियार व रिमोट कंट्रोल गन से लैस तटरक्षक बल का स्वदेशी पोत

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय तटरक्षक बल ने पहला स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रताप’ (यार्ड 1267) अपने बेड़े में शामिल किया है। यह पोत आधुनिक हथियारों से लैस है। इन आधुनिक हथियारों में 30 मिमी सीआरएन -91 गन और दो 12.7 मिमी रिमोट कंट्रोल गन शामिल हैं।

पोत में कई उन्नत तकनीकें लगाई गई हैं। यह जहाज इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम और ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। इसमें उच्च क्षमता वाली बाहरी अग्निशमन प्रणाली भी मौजूद है। बुधवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह दो पोतों की परियोजना का पहला पोत है और 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बना है। यह जहाज तेल रिसाव का पता लगाने में सक्षम है। साथ ही यह गाढ़े तेल से प्रदूषक निकालने के काम को भी अंजाम दे सकता है। यह जहाज समुद्र में दूषित पानी से तेल अलग करने और समुद्र में व्यापक प्रदूषण नियंत्रण अभियान चलाने में भी सक्षम है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘समुद्र प्रताप’ के निर्माण ने आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लक्ष्य को भी मजबूत किया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार ‘समुद्र प्रताप’ भारतीय तटरक्षक का सबसे बड़ा पोत है। इसे विशेष रूप से समुद्री प्रदूषण नियंत्रण और आपदा प्रतिक्रिया के लिए तैयार किया गया है। तटरक्षक बल में तैनात किए गए इस जहाज की लंबाई 114.5 मीटर और चौड़ाई 16.5 मीटर है। यह पोत भारतीय तटरक्षक का पहला जहाज है जिसमें डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम (डीपी-1) लगा है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए इसमें अत्याधुनिक उपकरण हैं। ऑयल फिंगर प्रिंटिंग मशीन, रासायनिक पदार्थों का पता लगाने वाला जाइरो-स्टेबलाइज्ड डिटेक्टर और प्रदूषण विश्लेषण की प्रयोगशाला सुविधा इस जहाज में शामिल हैं। भारतीय तटरक्षक बल का ‘समुद्र प्रताप’ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित है। पोत के शामिल होने के अवसर पर डीआईजी वी. के. परमार, आईसीजी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, गोवा शिपयार्ड के सीएमडी ब्रजेश कुमार उपाध्याय और दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘समुद्र प्रताप’ के शामिल होने से भारतीय तटरक्षक बल की समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना में ‘अंजदीप’ नामक एक आधुनिक एंटी सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट भी शामिल किया गया है। नौसेना को सौंपा गया यह तीसरा एंटी सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट है। यह नौसैनिक जहाज पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। सोमवार को चेन्नई में यह नौसैनिक जहाज भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह स्वदेशी निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण है। अंजदीप आठ एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट जहाजों की श्रृंखला का तीसरा जहाज है। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर गॉर्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स और एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली के संयुक्त प्रयास से बनाया गया।

--आईएएनएस

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