नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। क्रिकेट जगत के लिए '15 नवंबर' का दिन ऐतिहासिक रहा है। इसी दिन एक ही मुकाबले में विश्व के दो महानतम खिलाड़ियों ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
साल 1989 में भारत-पाकिस्तान के बीच यह टेस्ट मैच 15 नवंबर से शुरू हुआ था, जिसमें एक ओर मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की, जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने अपना टेस्ट करियर शुरू किया।
कराची के मैदान पर भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज का यह पहला मुकाबला था, जिसमें भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लिया।
इस टीम की कमान कृष्मचारी श्रीकांत के पास थी, जिन्होंने उस 16 वर्षीय 'बच्चे' पर भरोसा जताया, जिसने पिछले ही साल हैरिस शील्ड में सेंट जेवियर्स के खिलाफ शारदाश्रम विद्या मंदिर की तरफ से खेलते हुए विनोद कांबली के साथ 664 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी। यह सचिन तेंदुलकर थे।
दूसरी ओर, इमरान खान की कप्तानी में वकार यूनुस को उनके 18वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला।
पाकिस्तान ने पहली पारी में 409 रन बनाए। इमरान खान ने कप्तानी पारी खेलते हुए 146 गेंदों में 17 चौकों और 1 छक्के के साथ नाबाद 109 रन बनाए। उनके अलावा, जावेद मियांदाद ने 78, जबकि शोएब मोहम्मद ने 67 रन की पारी खेली।
भारत की ओर से इस पारी में मनोज प्रभाकर ने सर्वाधिक 5 विकेट हासिल किए, जबकि कपिल देव ने 4 विकेट निकाले।
इसके जवाब में भारत की पहली पारी महज 262 रन पर सिमट गई। भारत की ओर से कपिल देव ने 55 रन बनाए, जबकि किरण मोरे ने टीम के खाते में नाबाद 58 रन जोड़े।
वकार यूनुस ने अपनी टेस्ट डेब्यू पारी में 19 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें 80 रन देकर संजय मांजरेकर, मनोज प्रभाकर, सचिन तेंदुलकर और कपिल देव का विकेट निकाला।
एक ओर, वकार यूनुस ने अपनी पहली टेस्ट पारी में विकेटों का चौका लगाया। दूसरी ओर, सचिन तेंदुलकर अपनी पहली पारी में सिर्फ 24 गेंदें खेलकर 2 चौकों के साथ 15 रन ही बना सके। इस दौरान उन्होंने कुछ स्ट्रेट ड्राइव और ऑन ड्राइव शॉट्स लगाए।
पाकिस्तान के पास पहली पारी के आधार पर 147 रन की बढ़त थी। दूसरी पारी में सलीम मलिक ने नाबाद 102 रन बनाए और पाकिस्तान ने पारी 305/5 के स्कोर पर घोषित की।
भारतीय टीम ने संजय मांजरेकर (नाबाद 113) और नवजोत सिद्धू (85) की शानदार पारियों के दम पर दूसरी इनिंग में 96 ओवरों का सामना करते हुए 3 विकेट खोकर 303 रन बनाए और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
अगली पारी में ही सचिन तेंदुलकर ने फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ 59 रन बनाते हुए खुद को साबित किया। हालांकि चार मुकाबलों की यह टेस्ट सीरीज 0-0 से ड्रॉ रही।
इस मुकाबले के साथ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले तेंदुलकर-यूनुस, दोनों ही आगे चलकर महानतम खिलाड़ियों में शुमार हुए। आज तेंदुलकर के नाम 'शतकों का शतक' लगाने का अनूठा रिकॉर्ड है, जबकि वकार यूनुस के नाम 87 टेस्ट में 373 विकेट, जबकि 262 वनडे मुकाबलों में 416 विकेट दर्ज हैं।
--आईएएनएस
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