वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राहुल के 'जाति जनगणना' मुद्दे पर साधा निशाना, इसे बताया 'इंदिरा और राजीव की विरासत का अनादर'

 Cong veteran Anand Sharma calls out Rahul’s caste census stand

नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जाति जनगणना वाले बयान पर निशाना साधा है।

आनंद शर्मा ने जो चिट्ठी के जरिए बम फोड़ा है, उसकी वजह से कांग्रेस की अंदरुनी कलह अब सामने आ गई है। आनंद शर्मा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

दरअसल, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बार-बार जाति जनगणना कराए जाने की बात से आनंद शर्मा खुश नहीं हैं। अब, कांग्रेस के भीतर प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक जाति जनगणना पर पार्टी के अंदर की कलह साफ उजागर हो गई है।

आनंद शर्मा ने जाति आधारित जनगणना पर केंद्रित पार्टी के चुनाव अभियान पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे "कांग्रेस के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर करना बताया है।''

आनंद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी के समावेशी और सर्वव्यापी दृष्टिकोण को याद करते हुए, इंदिरा और राजीव गांधी के लोकप्रिय नारों का हवाला दिया और कहा कि पार्टी का वर्तमान रुख पिछली कांग्रेस सरकारों की विचारों के साथ मेल नहीं खाता है और इसकी वजह से पार्टी के राजनीतिक विरोधियों को कीचड़ उछालने का मौका मिल जाएगा।

शर्मा ने इंदिरा गांधी के 1980 के उस नारे को याद दिलाया, जब कहा जाता था, "ना जात पर ना पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर।"

उन्होंने आगे 1990 में लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में राजीव गांधी के उस बयान का भी हवाला पत्र में दिया है, जहां पूर्व पीएम ने कहा था, ''अगर हमारे देश में जातिवाद को स्थापित करने के लिए जाति को परिभाषित किया जाता है तो हमें समस्या है। अगर संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जातिवाद को एक विषय बनाया जाएगा तो हमें समस्या होगी। ऐसे में कांग्रेस खड़े होकर इस देश को विभाजित होते हुए नहीं देख सकती।''

सीडब्ल्यूसी नेता ने पार्टी में समन्वय की कमी की ओर भी इशारा करते हुए कहा, "परामर्श प्रक्रिया में जिला और प्रदेश कांग्रेस समितियों की भागीदारी से पार्टी के अंदर किसी बात पर सहमति बनाने में मदद मिलती।"

आनंद शर्मा ने जाति जनगणना पर कांग्रेस के रुख पर आपत्ति जताकर अपनी ही पार्टी को परेशानी में डाल दिया है, क्योंकि कांग्रेस 2024 के चुनावों से पहले इसे रैली का मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है। राहुल गांधी की 'जितनी आबादी, उतना हक' की चुनावी पिच को राजनीतिक पंडितों ने पहले ही नाकामयाब करार दिया और अब पार्टी के भीतर इसके विरोध में उठती आवाजों के साथ, राहुल का यह अभियान लड़खड़ा सकता है और इसकी वजह से पार्टी के लिए चुनाव में मुश्किल बढ़ सकती है।

आनंद शर्मा कांग्रेस के जी-23 नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 2021 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक इसी तरह एक तीखा पत्र लिखा था और पार्टी की कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव की मांग की थी।

--आईएएनएस

जीकेटी/